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अधूरी बैठक, मेयर नहीं आयीं विधायक ने कहा- मुझे पता नहीं

भागलपुर : स्मार्ट सिटी परामर्शदात्री समिति की बैठक बुधवार को होनी थी. इसमें जनप्रतिनिधियों को ही वंचित कर दिया गया. नतीजा यह हुआ कि बैठक चर्चा तक सिमट कर रह गयी. 24 घंटे पूर्व आमंत्रण नहीं मिलने के कारण नाराज मेयर सीमा साहा ने बैठक में आयीं ही नहीं. विधायक अजीत शर्मा को आमंत्रण नहीं […]

भागलपुर : स्मार्ट सिटी परामर्शदात्री समिति की बैठक बुधवार को होनी थी. इसमें जनप्रतिनिधियों को ही वंचित कर दिया गया. नतीजा यह हुआ कि बैठक चर्चा तक सिमट कर रह गयी. 24 घंटे पूर्व आमंत्रण नहीं मिलने के कारण नाराज मेयर सीमा साहा ने बैठक में आयीं ही नहीं.
विधायक अजीत शर्मा को आमंत्रण नहीं मिला और इस कारण वे बैठक में शामिल नहीं हुए. निगम सभागार में बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता स्मार्ट सिटी के टीम लीडर सह सिटी मैनेजर विनय कुमार यादव ने की. इसमें इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार, इस्टर्न बिहार चेंबर के प्रतिनिधि उपस्थित थे. बाहर रहने के कारण नगर आयुक्त बैठक में शामिल नहीं हो पाये थे.
सेमिनार में पटना रवाना हुई टीम
भागलपुर : पटना में गुरुवार को स्मार्ट सिटी के सेमिनार में भाग लेने के लिए बुधवार को निगम के स्मार्ट सिटी के सदस्य और स्मार्ट सिटी के टीम लीडर के साथ पटना रवाना हो गयी. स्मार्ट सिटी की सेमिनार में भाग लेन के लिए सिटी मैनेजर विनय कुमार यादव,राकेश भारती और चित्रकेतु झा रवाना हो गये.
दो बार सेमिनार आयोजित किया, पर लाभ नहीं ले पायी स्मार्ट सिटी कंपनी
स्मार्ट सिटी की बैठक में इनपुट्स देने के लिए भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार आमंत्रित किये गये थे. डॉ कुमार ने बताया कि बैठक में चर्चा कर लौट आये. उन्होंने स्मार्ट सिटी के कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने रोड सेफ्टी और स्मार्ट सिटी विषय पर दो बार सेमिनार का आयोजन कराया. 10 लाख रुपये इंजीनियरिंग कॉलेज का खर्च हुआ. लेकिन स्मार्ट सिटी इसका लाभ नहीं ले सका. डॉ कुमार ने बताया कि स्मार्ट सिटी में कंप्लीट प्लानिंग की जरूरत है.
सबसे पहले ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क को दुरुस्त करना होगा. सड़कें बनेंगी, तो ड्रेनेज की जरूरत होगी. ड्रेनेज का लेवल डायवर्सन की तरफ लो रहना चाहिए. इससे पहले यह जानना जरूरी होगा कि शहर की कितनी आबादी है और प्रतिदिन कितना पानी डिस्चार्ज होता है, जो नालों से बह जाता है. एक आदमी को प्रतिदिन 300 लीटर पानी की जरूरत होती है. अगर 100 लीटर ही माना जाये, तो यह जानना आवश्यक है कि प्रतिदिन डिस्चार्ज होनेवाले पानी के ड्रेनेज की व्यवस्था शहर के पास उपलब्ध है कि नहीं.
इसके लिए गहनता से सर्वे कराना होगा. इसके इतर शहर में जाम की समस्या है. जाम में लोगों का टाइम वेस्टेज होता है. ईंधन की अधिक खपत हो जाती है. सड़क खराब होने से एक्सीडेंट अधिक होते हैं. इन तमाम पहलुओं पर योजना तैयार करनी होगी. किसी भी सड़क पर साइकिल व छोटी गाड़ियां अधिक चलती हैं. यह भी सोचना होगा कि इन लोगों के सहजता से सफर के लिए स्मार्ट सिटी में क्या योजना होगी.
सांसद थे आमंत्रित, पर नहीं आ सके
सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने बताया किबैठक में आमंत्रित किया गया था. लेकिन मंगलवार की रात ही पटना आ जाने के कारण बैठक में भाग नहीं ले पाये.
विधायक अजीत शर्मा ने बताया कि वे पटना में हैं. विधानसभा सत्र में भाग लेने आये हैं. परामर्शदात्री की बैठक में भाग लेने के लिए उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गयी है. न ही फोन से किसी ने सूचना दी.
पहले से नहीं दी गयी सूचना : मेयर
मेयर सीमा साहा ने बताया कि इस बैठक में भाग लेने के लिए 24 घंटे पहले सूचना नहीं दी गयी. बैठक के कुछ देर पहले जानकारी दी गयी. यह सही नहीं है. बैठक के थोड़ी देर पहले जानकारी दी गयी, तो कैसे जाया जा सकता था.
स्मार्ट सिटी परामर्शदात्री की बैठक काफी महत्वपूर्ण थी. इसमें हर क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाता है, ताकि स्मार्ट सिटी की योजनाएं तैयार करने में कोई कमी न रह जाये और किसी बाधा के निदान पर पहले ही तैयारी हो जाये. लिहाजा हर क्षेत्र के लोगों का सुझाव अहम होता है. लेकिन इसमें कम लोगों की उपस्थिति हो पायी.

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