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बिहार : पेट्रोल पंपों में सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाने पर एनओसी होगी रद्द, सरकार बरतेगी सख्ती

पेट्रोल पंप खोलने में एप्रोच रोड के लिए पथ निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेनी होती है. इसकी शर्तों में सार्वजनिक शौचालय बनाने का प्रावधान रहता है. ऐसे में जो पेट्रोल पंप मालिक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं करायेंगे उन्हें जारी की गयी एनओसी रद्द कर दी जायेगी. यह जानकारी पथ निर्माण मंत्री […]

पेट्रोल पंप खोलने में एप्रोच रोड के लिए पथ निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेनी होती है. इसकी शर्तों में सार्वजनिक शौचालय बनाने का प्रावधान रहता है. ऐसे में जो पेट्रोल पंप मालिक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं करायेंगे उन्हें जारी की गयी एनओसी रद्द कर दी जायेगी. यह जानकारी पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने दी.
वे मंगलवार को बजट सत्र पर चर्चा के दौरान विधान परिषद में सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे. इस दौरान राजद सदस्यों ने सदन से बहिगर्मन किया. इस चर्चा में सोनेलाल मेहता, रणवीर नंदन, सुबोध कुमार, हीरा प्रसाद सिंह, लाल बाबू प्रसाद, संजय प्रसाद और प्रो. संजय कुमार सिंह शामिल हुये. मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि बिहार राज्य पथ विकास निगम पटना में सार्वजनिक स्थानों पर 10 आधुनिक शौचालयों के निर्माण कार्य पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि देश और विदेश में सड़कों और पुलों के लिए तकनीकी अनुसंधान हो रहे हैं.
उनका प्रयोग राज्य की सड़कों व पुलों में करने के लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की तर्ज पर बिहार राज्य सड़क अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जायेगी. इसके लिए विभाग ने जमीन चिह्नित कर ली है. इसके बनने पर विश्वस्तर पर हो रहे तकनीकी अनुसंधानों से अभियंताओं को नये प्रयोग करने के अवसर मिलेंगे.
नंदकिशोर यादव ने कहा कि अभियंताओं की रिक्तियों को भरने के लिए बिहार लोक सेवा आयोग और बिहार कर्मचारी चयन आयोग से कहा गया है. इसमें संभावित विलंब को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा 200 सहायक अभियंताओं को संविदा पर नियुक्ति की कार्रवाई की जा रही है.
यह प्रक्रिया अगले माह अप्रैल के अंत तक पूरी हो जायेगी.
काम पूरा नहीं करने वाले कान्ट्रैक्टर होंगे दंडित
मंत्री ने कहा कि समय सीमा के विस्तार का निर्णय लेने के लिए अधिकतम तीन माह का समय निर्धारित किया गयाहै. अब जो कान्ट्रैक्टर इस समय सीमा में काम पूरा नहीं करेंगे उन्हें दंडित किया जायेगा. उन्हें आगामी टेंडर में शामिल होने से रोक दिया जायेगा.
राज्य में होंगे 53 बड़े पुल
मंत्री ने कहा कि यातायात सुविधा को सुगम बनाने के लिए राज्य की मुख्य बड़ी नदियों पर पुल बनाने पर ध्यान दिया गया है. इनमें गंगा, गंडक, कोशी, सोन, बागमती और फल्गु शामिल हैं. अगले पांच साल में कुल 53 पुल उपलब्ध होंगे. पहले से राज्य में 16 पुल थे.
वहीं इस समय 19 नये पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 11 निर्माणाधीन हैं और सात प्रस्तावित हैं. वहीं 22 बाईपास बनाने पर काम हो रहा है. इसके अलावा मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत बांस व चचरी वाले छोटे पुलों की जगह 5112 पुल बनाये गये हैं.
जेनेरिक दवाओं के लिए खुलेंगी 995 दवा दुकानें
सस्ती दवाएं मुहैया कराने के लिए पूरे राज्य में 995 दवाएं दुकानें खोलने की योजना है. परंतु इन्हें खोलने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. अब तक लाइसेंस लेने के लिए महज 110 आवेदन ही आये हैं, जिन्हें लाइसेंस दे दिया गया है. यह जानकारी विधान परिषद में स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी मंत्री नंदकिशोर यादव ने दी.
वह रजनीश कुमार के तारांकित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत राज्य में जेनेरिक दवाओं की दुकानों को खोलने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत शहरी क्षेत्र में ढाई किमी और ग्रामीण क्षेत्र में पांच किमी की दूरी पर जेनेरिक दवा दुकानें खोलने का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक अन्य योजना अमृत योजना के अंतर्गत अमृत फार्मेसी खोला जाना है. इससे राज्य के मरीजों को कैंसर, ह्दय और इंप्लांट से जुड़ी दवाएं मुख्य रूप से उपलब्ध करायी जायेंगी. इसके लिए सभी बड़े अस्पतालों में एक हजार से डेढ़ हजार वर्ग फुट जगह मुफ्त उपलब्ध कराना है.
इस जमीन को मुहैया कराने के लिए सभी मेडिकल अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है. इसके तहत फार्मेसी खोले जाने के लिए आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित जिला के सहायक औषधि नियंत्रक के स्तर से लाइसेंस दी जाती है. अब तक राज्य में सिर्फ पटना के आईजीआईएमएस और एम्स में ही अमृत फार्मेसी खोली जा चुकी है. अन्य किसी जिले से इसके तहत लाइसेंस लेने के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.
डीएमसीएच में लगेगी दरभंगा महाराज की प्रतिमा
प्रभारी मंत्री ने कहा कि डीएमसीएच कैंपस में दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. इसके लिए डीएम को प्रस्ताव तैयार करके भेजने के लिए कहा गया है. जिला से प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद विभागीय स्तर पर इसे अंतिम स्तर पर स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी.
इस मामले को ध्यानाकर्षण के जरिये दिलीप कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, तनवीर अख्तर और रामचंद्र भारती ने उठाया था. डीएमसीएच के लिए 1925 में दरभंगा महाराज ने 200 एकड़ जमीन दान के रूप में दी थी. वर्ष 2015 में यहां प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया थ, लेकिन अब तक यह मामला लटका हुआ है.
पुलिसिया जुर्म को लेकर राजद सदस्यों ने सरकार को घेरा
विधानसभा के शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों ने पुलिसिया जुल्म को लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए हंगामा किया. सबसे पहले सूर्यगढ़ा विधायक प्रह्लाद यादव ने लखीसराय के सूर्यगढ़ा प्रखंड स्थित निष्टा गांव में पुलिस द्वारा ग्रामीणों की बेरहमी से पिटाई का मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि स्थानीय दरोगा ने पुलिस कार्यप्रणाली का विरोध करने पर गांव की महिलाओं को भी बुरी तरह पीटा. मामले को लेकर तमाम राजद सदस्य एकजुट होकर हंगामा करने लगे. राजद सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अध्यक्ष से सदन की कमेटी द्वारा जांच की मांग की. कांग्रेस सदस्य सदानंद सिंह ने भी आसन से संरक्षण की मांग की. इस पर अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सरकार को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया. हालांकि विपक्षी सदस्य इससे भी संतुष्ट नहीं दिखे.
शून्यकाल में ही जितेंद्र कुमार राय ने सारण जिले के गौरा में जानकी प्रसाद नामक व्यक्ति की पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई किये जाने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि घटना का विरोध करने पर कई निर्दोष लोग भी जेल भेज दिये गये.
मुख्य सचिव पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा
चारा घोटाला के दूसरे मामले में आरोपित बनाये जाने के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह पर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को सदन में खूब हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही राजद के विजय प्रकाश व भाई वीरेंद्र ने इस मामले को उठाया.
इसके बाद राजद व माले के तमाम सदस्यों ने हंगामा करते हुए मुख्य सचिव को गिरफ्तार करने व उनको हटाये जाने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदस्यों को टोकते हुए कहा कि समय पर मामला उठाएं. अभी आपका समय है, इसलिए प्रश्नकाल चलने दें.
बावजूद कुछ सदस्य हंगामा करते रहे. थोड़ी देर हंगामा करने के बाद अध्यक्ष ने जब दोबारा हस्तक्षेप किया, तब जाकर नारेबाजी समाप्त हुई. फिर विधानसभा की कार्यवाही सुचारु हुई. इससे पहले सदन के बाहर भी राजद सदस्यों ने मुख्य सचिव व किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

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