नयी दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को लगातार सातवें दिन भी कामकाज नहीं हो सका और पिछले छह दिन से विभिन्न मुद्दों पर चल रहा हंगामा मंगलवारको भी जारी रहने के कारण बैठक को एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. सदस्यों के शोर शराबे के कारण सदन में वित्त एवं विनियोग विधेयक 2018 चर्चा के लिए पेश नहीं हो सका.
लोकसभा की कार्यवाही की कार्यसूची में शाम पांच बजे वर्ष 2018-19 के लिए केंद्रीय बजट के संबंध में बकाया अनुदान की मांगों को सभा में मतदान के लिए रखा जाना था. लेकिन, हंगामे के कारण ऐसा नहीं हो सका. बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले छह दिनों से विभिन्न दलों के सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर हंगामा कर रहे हैं जिसके कारण सदन की कार्यवाही नहीं चल पा रही है. सुबह भारी हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर शुरू हुई तो तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने-अपने मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये.
तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने और राज्य से संबंधित कुछ मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे थे. उधर, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसद आसन के पास आकर पीएनबी धोखाधड़ी मामले पर नारेबाजी कर रहे थे. अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने की मांग कर रहे थे, तो तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य अपने राज्य में आरक्षण कोटा बढ़ाने की मांग उठा रहे थे. इन दोनों दलों के सभी सांसद भी आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे. उधर, माकपा के सदस्यों को अपने स्थानों पर ही कुछ तस्वीरें लहराते हुए देखा गया. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भारी हंगामे के बीच आवश्यक कागजात पेश कराये. हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले, सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ करने को कहा, वैसे ही तेदेपा, कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस, अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने अपने मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये थे और हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने कुछ ही मिनट बाद बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी. आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत कुछ अन्य मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा में विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक 2018 तथा विनियोग लेखानुदान विधेयक 2018 चर्चा के लिए नहीं पेश किया जा सका.
लोकसभा की कार्यसूची में विधायी कार्य के तहत इन्हें पेश किये जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया था. लोकसभा की पुनरीक्षित कार्य सूची में कहा गया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्तीय वर्ष 2018-19 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि से कतिपय राशियों के संदाय और विनियोग को प्राधिकृत करने संबंधी विनियोग विधेयक 2018 को विचार करने के लिए पेश करेंगे. इसके अलावा अरुण जेटली प्रस्ताव करेंगे कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र सरकार की वित्तीय प्रस्थापनाओं को प्रभावी करनेवाला वित्त विधेयक 2018 पर विचार किया जाये. इसके साथ ही कार्यसूची में कहा गया है कि अरुण जेटली प्रस्ताव करेंगे कि वित्तीय वर्ष 2017-18 की सेवाओं के लिए भारत की संचित निधि में से कतिपय राशियों के संदाय और विनियोग को प्राधिकृत करनेवाले विनियोग लेखानुदान विधेयक 2018 पर विचार किया जाये.