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चैती छठ 21 से, शुरू हो गयी घाटों पर तैयारियां

पटना : चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान में अभी आठ दिन शेष है. 21 मार्च यानी बुधवार से शुरू हाेनेवाले छठव्रत की तैयारी अभी से शुरू हो गयी है.साथ ही व्रतियों के लिए घाटों का भी निरीक्षण शुरू हो गया है. 21 को नहाय-खाय के साथ व्रत शुरू होगा और 24 को प्रातकालीन अर्ध […]

पटना : चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान में अभी आठ दिन शेष है. 21 मार्च यानी बुधवार से शुरू हाेनेवाले छठव्रत की तैयारी अभी से शुरू हो गयी है.साथ ही व्रतियों के लिए घाटों का भी निरीक्षण शुरू हो गया है. 21 को नहाय-खाय के साथ व्रत शुरू होगा और 24 को प्रातकालीन अर्ध के साथ व्रत की समाप्ति होगी. 22 को व्रती दिन भर निराहार रहने के बाद शाम को खरना का अनुष्ठान पूरा करेंगे.
इसके बाद 36 घंटे का निराहार आरंभ हो जायेगा. शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पित किया जायेगा. शनिवार की सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ देंगे. इसके साथ ही चैती छठ का समापन हो जायेगा. इधर, निगम प्रशासन गंगा घाटों पर छठ पूजा की व्यवस्था कर रहा है, जहां छठ व्रती सूर्य को अर्घ दे सकेंगे.
बच्चों की रक्षा से जुड़ा है छठ व्रत का अनुष्ठान
पंडित मार्कंडेय शारदे के मुताबिक छठ व्रत का अनुष्ठान बच्चों की रक्षा से जुड़ा है. जिस प्रकार से बच्चे के जन्म के बाद उसकी छठी मनायी जाती है. ठीक उसी प्रकार सूर्य की शक्ति के समक्ष बच्चों की रक्षा की जाती है. इस व्रत के वैज्ञानिक महत्व भी है. वर्ष में दो बार छठ व्रत मनाया जाता है.
दोनों ही व्रत ऋतुओं के आगमन से जुड़ा है. कार्तिक मास में शरद ऋतु की शुरुआत होती है, तो चैत्र मास में वसंत ऋतु. एक में ठंड़ की शुरुआत होती है, तो दूसरे में गर्मी की. बदलते मौसम में दोनों व्रत किया जाता है. इन दोनों ही ऋतुओं में रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसे शांत करने के लिए सूर्य की आराधना की जाती है, जाे प्रकृति प्रदत पूजा है. पूजा में मौजूद सभी समाग्रियां प्रकृति से जुड़ी होती है. ताकि, रोगों से लड़ने की शक्ति मिल सकें.
दानापुर से लेकर पटना सिटी तक के घाटों पर तैयारी
लॉ कॉलेज घाट, दमराही घाट, गायघाट, भद्र घाट, महावीर घाट, नौजर घाट, दुली घाट, मीतन घाट, खाजेकलां घाट, झाऊगंज घाट, अदरक घाट व पथरी घाट पाटीपुर पुल, दीघा आदि घाटों पर हजारों की संख्या में छठव्रती पहुंचते हैं.
इसे लेकर घाटों की सफाई की जाती है. इसके बाद लाइटिंग व बांस-बल्ला भी लगाया जाता है. व्रत के साथ पर्व के निमत्ति उपयोग में आनेवाली पूजन सामग्री व फलों के साथ सूप, दउरा, नारियल, आम की लकड़ी व शुद्ध घी के साथ अन्य सामान की खरीदारी काे लेकर अभी से बाजार भी सजने लगे हैं.

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