अहमदाबाद : निलंबित आइएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा के लिए आज तब नयी मुसीबत खड़ी हो गयी जब यहां साबरमती जेल से निकलने के शीघ्र बाद गुजरात के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उन्हें दस साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया.
गुजरात उच्च न्यायालय ने गुरुवारको शर्मा को धनशोधन के एक मामले में जमानत दी थी. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है.
गुजरात एसीबी के सहायक पुलिस आयुक्त डी पी चूड़ासामा ने बताया कि शर्मा को पूछताछ के लिए जेल के बाहर पहले हिरासत में लिया गया और दोपहर बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.
भावनगर में उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज है. प्राथमिकी के अनुसार, भावनगर में सरकारी जहाज निर्माण कंपनी अल्कोक एशडॉन (गुजरात लिमिटेड) में प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभालने के दौरान उन्होंने एक ठेकेदार से कथित रूप से 25 लाख रुपये मांगे थे और स्वीकार किये थे.