नयी दिल्ली : कभी जिस ‘रीड एंड टेलर्स’ ब्रांड की शर्टिंग-सूटिंग के कपड़ों का प्रचार मेगा सुपर स्टार अमिताभ बच्चन किया करते थे, आज ‘रीड एंड टेलर्स’ आैर एस कुमार्स दिवालिया होने के कगार पर हैं. मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि करीब 5,000 करोड़ रुपये का बैंक कर्ज का भुगतान नहीं करने के बाद फैशन ब्रांड रीड एंड टेलर और इसकी पैरंट कंपनी एस कुमार्स नेशनवाइड ने दिवालिया कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इन कंपनियों के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स इस बात की जानकारी दी है.
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एस कुमार्स नेशनवाइड के प्रमोटर नितिन कासलीवाल को ज्यादातर बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाला घोषित कर दिया है. इसलिए वह ऋण पुनर्गठन योजना में भाग नहीं ले सकेंगे. आईडीबीआई बैंक ने एस कुमार्स के खिलाफ इन्सॉल्वंसी प्रोसिडिंग्स शुरू की, जबकि एडवलाइस ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी रीड एंड टेलर (इंडिया) को इन्सॉल्वंसी कोर्ट में घसीट लायी.
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर्ज देने वाले बैंक और अन्य संस्थान दोनों कंपनियों के लिए व्यापक डेट रीस्ट्रक्चरिंग पैकेज पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि रीड एंड टेलर और एस कुमार्स नेशनवाइड के एक-दूसरे से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए दोनों कंपनियों के लिए एक ही रेजल्युशन प्रफेशनल नियुक्त करने का फैसला किया गया है.
कर्जदाता संस्थानों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के सामने रेजल्युशन प्रफेशनल के तौर पर अभय मनुधने का नाम सुझाया है, जो दोनों कंपनियों की दिवालिया प्रक्रिया को देखेंगे.
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