अररिया: लोकसभा उपुचनाव में अपने पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के क्रम में मधेपुरा सांसद सह जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये. यह घटना उससमय हुई, जब वह जोकीहाट के हाईस्कूल मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करने जा रहे थे. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन जाप कार्यकर्ताओं द्वारा जिला कार्यालय से बाइक रैली निकाली गयी. रैली की अगुआई सांसद पप्पू यादव स्वयं कर रहे थे. वह अपनी बाइक खुद चला रहे थे. इस क्रम में काकन के पास बाइक से उनका नियंत्रण हट गया और वे बाइक सहित सड़क किनारे बने बड़े गड्ढे में जा गिरे.
घटना के बावजूद उन्होंने जोकीहाट में आयोजित सभा को संबोधित किया. सभा की समाप्ति पर मंच से उतरने के दौरान अचानक मूर्छित होकर वे जमीन पर आ गिरे. सांसद के जमीन पर गिरते ही सभा स्थल पर अफरा-तफरी मच गयी. समर्थक व पार्टी कार्यकर्ताओं ने आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया. सांसद को इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमेरजेंसी वार्ड संख्या छह में भरती कराया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ उमर अकबर, डॉ अंसर आलम ने उनका प्राथमिक इलाज किया. इस क्रम में सीएस एनके ओझा, डॉ आरएन झा, डॉ आरएनपी साह सहित अन्य वरीय चिकित्सक सांसद के इलाज का लगातार मॉनेटरिंग करते देखे गये. सांसद के स्वास्थ्य जांच के लिए बाहर से विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी बुलाया गया. सूचना पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ कुमार आनंद भी अस्पताल पहुंच कर सांसद के सेहत की जांच की.
सांसद का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि बाइक से गिरने के कारण सांसद मधेपुरा के एक से अधिक जगह की हड्डी में टूट हो सकती है. चिकित्सकों ने बताया कि बाइक से गिरने के कारण उनके सिर के निचले हिस्से में चोट आयी. साथ ही बांयें पैर की हड्डी में गंभीर चोट आयी है. चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज के बाद सांसद को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया. सांसद के घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल प्रबंधन हकरत में आ गया. सांसद के इलाज के लिए अररिया पहुंचने से पहले ही इलाज की सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गयी.
डीपीएम रेहना असरफ, अस्पताल प्रबंधक नाजिश नियाज सहित अस्पताल प्रबंधन से जुड़े तमाम अधिकारी सांसद के इलाज की पूरी व्यवस्था का इंतजाम खुद संभाल रहे थे. अस्पताल की ए ग्रेड नर्स शोभा कुमार, नाजिया, मीरा, सुलोचना, माला व अन्य स्वास्थ्य कर्मी इलाज के दौरान पूरी तरह से अपने ड्यूटी पर मुस्तैद थे.