17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फिल्‍म रिव्‍यू : 3 अलग-अलग कहानियां, दिलचस्‍प किरदार, जानें कैसी है ”3 Storeys”

II उर्मिला कोरी II फ़िल्म: थ्री स्टोरीज निर्माता: एक्सेल निर्देशक: अर्जुन मुखर्जी कलाकार: रेणुका शहाणे,पुलकित सम्राट,रिचा चड्ढा,हिमांशु, रेटिंग: तीन मायानगरी मुम्बई की चॉल अब तक कई फिल्मों की कहानी की धुरी बना है नवोदित निर्देशक अर्जुन मुखर्जी भी ऐसे ही एक चॉल और उसमें रहने वाले लोगों की ज़िन्दगी को तीन अलग अलग कहानियों में […]

II उर्मिला कोरी II

फ़िल्म: थ्री स्टोरीज

निर्माता: एक्सेल

निर्देशक: अर्जुन मुखर्जी

कलाकार: रेणुका शहाणे,पुलकित सम्राट,रिचा चड्ढा,हिमांशु,

रेटिंग: तीन

मायानगरी मुम्बई की चॉल अब तक कई फिल्मों की कहानी की धुरी बना है नवोदित निर्देशक अर्जुन मुखर्जी भी ऐसे ही एक चॉल और उसमें रहने वाले लोगों की ज़िन्दगी को तीन अलग अलग कहानियों में पिरोया है. हर कहानी में एक रोचक मोड़ है जो ये बताता है कि ज़िन्दगी जैसा हम चाहते हैं वैसी होती नहीं है लेकिन फिर भी ज़िन्दगी खूबसूरत है.

फ़िल्म की कहानी का बैकड्रॉप मुम्बई का मायानगर स्थित एक चॉल है. वहीं पर फ़िल्म की तीनों कहानियां हैं. कहानियां अलग अलग हैं लेकिन किरदार एक दूसरे से बहुत ही दिलचस्प तरीके से जुड़े हुए हैं. पहली कहानी फ्लोरी मेंडोंसा (रेणुका शहाणे) की है जो अपने पति और बेटे की मौत के बाद अकेले रह रही है.

फ्लोरी मेंडोंसा अपने पुराने और छोटे से घर जिसकी कीमत 20 लाख है उसे 80 लाख में बेचना चाहती हैं इसके पीछे एक सस्पेंस है. दूसरी कहानी वर्षा( मसुमेह मखीजा) की है जो अपने शराबी पति से परेशान है. क्या होता है जब उसका प्रेमी शंकर (शरमन जोशी) मायानगर के उसी चॉल में अपने परिवार के साथ रहने आता है.

तीसरी कहानी मालिनि (आएशा अहमद) और सुहेल(अंकित) की है. ये दोनों एक दूसरे के बहुत प्यार करते हैं लेकिन धर्म की दीवार नहीं बल्कि एक अतीत है जो उनके प्यार को मुकम्मल नहीं होने दे सकता है. तीनों कहानियों में से पहली कहानी खास है. हां बाकी की दो कहानियां सामान्य है लेकिन उनकी प्रस्तुति अलग है.

खासकर फ़िल्म के अंत में लीला (ऋचा चड्ढा) फ़िल्म की इन तीनों कहानियों को एक दिलचस्प मोड़ पर पहुँचा देता है जो इस फ़िल्म को प्रयोगधर्मी कैटेगरी में पहुँचा जाती है.

अभिनय की बात करें तो यह इस फ़िल्म की यूएसपी है. सभी किरदार परदे पर उम्दा रहे हैं हां रेणुका शहाणे की विशेष तारीफ करनी होगी. वह अपने चित्त परिचित इमेज से बिल्कुल अलग नज़र आती हैं. फ़िल्म की रफ्तार थोड़ी धीमी है. फ़िल्म का कैमरावर्क कमाल का है. संवाद अच्छे बन पड़े हैं. फ़िल्म के गीत संगीत पर और काम करने की ज़रूरत थी.

कुलमिलाकर फ़िल्म की सामान्य सी कहानियों में मानवीय रिश्तों और उनकी चाहतों जो अक्सर चाहत के विपरीत जाती है को बखूबी उकेरा गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें