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बिहार : ….जब पटना एयरपोर्ट पर 6 महिलाओं ने बिना पुरुषों के सहयोग से 6 घंटे में उड़ायीं-उतारीं 16 फ्लाइटें
पटना : महिला दिवस के अवसर पर दोपहर दो से शाम आठ बजे तक पटना एयरपोर्ट की कम्युनिकेशन, नेविगेशन और सर्विलांस (सीएनएस) विंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) विंग की कमान पूरी तरह महिलाओं के जिम्मे रही. इस दौरान तीन महिलाओं की टीम ऊपर एटीसी टावर में बैठी विमानों के पायलट से बात करते हुए […]
पटना : महिला दिवस के अवसर पर दोपहर दो से शाम आठ बजे तक पटना एयरपोर्ट की कम्युनिकेशन, नेविगेशन और सर्विलांस (सीएनएस) विंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) विंग की कमान पूरी तरह महिलाओं के जिम्मे रही.
इस दौरान तीन महिलाओं की टीम ऊपर एटीसी टावर में बैठी विमानों के पायलट से बात करते हुए उन्हें प्रॉपर नेवीगेशन और लैंडिंग-टेकऑफ के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दे रही थीं, वहीं नीचे सीएनएस पैनल में बैठी तीन महिलाओं की टीम उन्हें जरूरी तकनीकि सुविधाएं मुहैया करवा रही थीं. इस दौरान पटना एयरपोर्ट पर कुल 16 जोड़ी विमान उतरे और उड़े. यह सब कुछ महिलाओं ने बिना अपने पुरुष सहयोगियों की सहायता के किया.
दो शिफ्टों में 12 महिलाकर्मियों ने निभाई स्वतंत्र जिम्मेदारी : दो शिफ्टों में दोनों विंग की सभी 12 महिलाकर्मियों ने स्वतंत्र जिम्मेदारी निभाई. इनमें एटीसी की सात महिलाकर्मी और सीएनएस की पांच महिलाकर्मी शामिल थीं. महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की सबलता को प्रदर्शित और प्रेरित करने के लिए एटीसी में महिलाकर्मियों के दल को पूरी तरह स्वतंत्र डयूटी देने की शुरुआत सुबह सात बजे ही कर दी गयी. चार महिलाकर्मियों के दल ने एटीसी टावर की पूरी कमान अपने हाथों में ले ली.
इनमें एजीएम एटीसी चंचला कुमारी, असिस्टेंट मैनेजर, एटीसी खुश्बू, जूनियर एजक्यूटिव श्रुति श्रेष्ठ और आफ्रीन अकबरी शामिल थीं. दोपहर दो बजे तक इसने एटीसी की पूरी व्यवस्था संभाली. लेकिन फर्स्ट शिफ्ट में उनको सहयोग दे रही सीएनएस की टीम में असिस्टेंट मैनेजर सेफाली व किरण देवी के साथ पुरुष सहयोगी भी शामिल थे.
सुगमतापूर्वक हुआ सारा काम
दोपहर दो बजे से महिला कर्मियों की ही दूसरी टीम ने इनकी जगह ली, जिसमें असिस्टेंट मैनेजर प्रीति कुमारी, आरती सिन्हा और जूनियर एग्जिक्यूटिव आशा यादव शामिल थीं. शाम आठ बजे तक इस टीम ने बिना अपने पुरुष सहयोगियों की मदद लिये पूरी तरह विमानों के नेविगेशन को कंट्रोल किया और उन्हें उड़ने और उतरने के बारे में निर्देश देती रहीं.
इस दौरान दोपहर दो से शाम आठ बजे तक सीएनएस के सेकेंड शिफ्ट में तैनात तीनों कर्मी भी महिलायें ही थीं. इनमें असिस्टेंट मैनेजर श्वेता, अपूर्वा और एटेंडेेंट अंजु कुमारी शामिल थीं. वे सर्विस प्रोवाइडर के रूप में ऊपर एटीसी टावर में तैनात तीनों महिलाओं को जरूरी सूचनाएं व डेटा मुहैया करवा रही थीं, जिससे उनका काम सुगमतापूर्वक हो रहा था.
इस प्रकार दोनों दलों ने आपसी सहयोग और बेहतर कॉर्डिनेशन से छह घंटे में 16 जोड़ी विमानों को कुशलतापूर्वक उतार और उड़ा कर ऐसे मानक स्थापित किये जो अन्य महिलाओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ायेगा और सपनों को ऊंचाई पर पहुंचायेगा.
बदला-बदला सा था माहौल
एटीसी की एक ऐसी टीम जिसमें सिर्फ महिलाएं ही हैं. लीड करना सचमुच गौरव की बात है. मैं खुद को खुशकिस्मत समझती हूं जो आज मुझे यह मौका मिला.
आरती सिन्हा एमए, एटीसी
ऐसा न समझें कि महिला दिवस हैं, इसलिए हम यह कर रहे हैं. हममें पूरी क्षमता है कि बिना पुरूष सहयोगियों के समर्थन के भी हर दिन एटीसी को ठीक से संभाल सकते हैं.
प्रीति कुमारी, एमए, एटीसी
आज काम का माहौल बिल्कुल बदला है. यह सोचकर अच्छा लग रहा है कि बिल्कुल अपने सूझ बूझ से ही हम पूरे एयर ट्रैफिक को कंट्रोल कर रहे हैं और विमानों को उड़ा-उतार रहे हैं.
आशा यादव, जूनियर
एजक्यूटिव, एटीसी
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