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बिहार बोर्ड : डीएलएड अभ्यर्थियों ने किया अर्धनग्न प्रदर्शन, हंगामा पड़ेगा महंगा, दर्ज होगी प्राथमिकी
डीएलएड सत्र 2014-16 व 2015-17 की परीक्षा नहीं होने से नाराज हैं प्रशिक्षु पटना : डीएलएड प्रोग्राम का दो नियमित सत्र समाप्त होने के लंबे समय के बाद भी अब तक परीक्षा नहीं होने से क्षुब्ध प्रशिक्षुओं ने गुरुवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) गेट के समक्ष अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रशिक्षुओं […]
डीएलएड सत्र 2014-16 व 2015-17 की परीक्षा नहीं होने से नाराज हैं प्रशिक्षु
पटना : डीएलएड प्रोग्राम का दो नियमित सत्र समाप्त होने के लंबे समय के बाद भी अब तक परीक्षा नहीं होने से क्षुब्ध प्रशिक्षुओं ने गुरुवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) गेट के समक्ष अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया.
इस दौरान प्रशिक्षुओं ने बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की व कई ने मुंडन भी कराया. प्रदर्शनकारियों में राज्य के विभिन्न जिलों से आये सत्र 2014-16 व 2016-17 के प्रशिक्षु शामिल थे, जो राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित विद्यालयों में पदस्थापित टीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक हैं.
दोनों सत्र समाप्त होने के बाद प्रशिक्षु संबंधित ट्रेनिंग कॉलेज से विरमित हो चुके हैं. लेकिन बोर्ड द्वार अब तक परीक्षा नहीं ली गयी है. प्रशिक्षुओं के अनुसार परीक्षा नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रशिक्षित वेतनमान नहीं देना चाहती सरकार : इस दौरान प्रशिक्षुओं ने बिहार बोर्ड व शिक्षा विभाग की मिलीभगत होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षक प्रशिक्षित हो जायेंगे.
सरकार को प्रशिक्षित वेतनमान देना पड़ेगा, जो वह नहीं चाहती. जानबूझ कर परीक्षा को लटकाया जा रहा है. वर्ष 2016 में विज्ञप्ति संख्या 51/2016 के माध्यम से सत्र 2014-17 की परीक्षा नवंबर माह में आयोजित करने की घोषणा की गयी थी, लेकिन उसे स्थगित कर दिया गया.
प्रदर्शन में कई नियोजित शिक्षक भी शामिल थे, जो राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित विद्यालयों में पदस्थापित हैं. नियोजन के बाद सरकारी नियमों के तहत उन्होंने डीएलएड का नियमित प्रशिक्षण पूरा किया है.
उनके अलावा कई अनियोजित प्रशिक्षु भी शामिल थे, जो डीएलएड परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण कहीं आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. बताया जाता है कि राज्य भर में ऐसे करीब 20 हजार प्रशिक्षु हैं, जो प्रभावित हैं.
दो अप्रैल से सभी सरकारी ट्रेनिंग कॉलेजों में तालाबंदी : प्रशिक्षु शिक्षकों ने कहा कि अब सत्र 2016-18 भी इस महीने समाप्त हो रहा है. अत: तीनों सत्र की परीक्षा की घोषणा इस महीने के अंत तक की जाये.
परीक्षा की घोषणा नहीं किये जने की स्थिति में अखिल बिहार डीएलएड प्रशिक्षु संघर्ष मोर्चा राज्य के सभी सरकारी टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों में तालाबंदी करेगा. प्रदर्शन का नेतृत्व मोर्चा के विद्यानंद झा ने किया. विभिन्न जिलों से आये प्रशिक्षु शामिल हुए.
हंगामा पड़ेगा महंगा, दर्ज होगी प्राथमिकी
पटना : बिहार बोर्ड के गेट पर गुरुवार को अर्द्धनग्न प्रदर्शन व मुंडन कराने वाले डीएलएड परीक्षा की मांग कर रहे प्रशिक्षुओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. बोर्ड के सचिव ने बताया है कि प्रदर्शन करनेवालों को चिह्नित किया जा रहा है.
उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. साथ ही उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जायेगी. सचिव ने बताया है कि राज्य में ऐसे भी ट्रेनिंग कॉलेज हैं जिन्हें विनियमावली-2016 के तहत बोर्ड की संबद्धता प्राप्त नहीं है. ऐसे संस्थानों में परीक्षा का आयोजन संभव नहीं है.
उन्होंने बताया है कि बोर्ड गेट पर प्रदर्शन करनेवाले लोग ऐसे ही संस्थानों से संबंधित थे, जिनसे संबंधित संस्थान को संबद्धता प्राप्त नहीं है. बिहार बोर्ड के सचिव ने बताया है कि ह्वाइटनर लगे ओएमआर को वैलिड मान कर रिजल्ट घोषित करने की मांग को लेकर पिछले बुधवार को बोर्ड गेट पर हंगामा करनेवाले टीईटी अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
आठ से 10 हजार रुपये तक का प्रति माह नुकसान
समस्तीपुर के डायट पूसा से आये व प्रदर्शन में शामिल धर्मवीर कुमार ने कहा कि परीक्षा नहीं होने के कारण आर्थिक व मानसिक शोषण का शिकार हो रहे हैं. अप्रशिक्षित होने के कारण करीब 18 हजार रुपये वेतन मिल रहा है. परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद 10 हजार रुपये तक वेतन में इजाफा होगा.
कहीं भी नहीं कर पा रहे आवेदन : बांका के अद्वैत मिशन से आये सुमन सौरभ ने बताया कि उन्होंने भी डीएलएड प्रशिक्षण सत्र 2014-16 में पूरा कर लिया है. लेकिन अब तक परीक्षा नहीं हुई है, इस कारण सीटीईटी समेत किसी भी टीईटी परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. इस तरह उम्रसीमा भी समाप्त होती जा रही है, जो मानसिक परेशानी का कारण है.
पटना : दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) मुख्यालय के बाहर एसएससी स्कैम के खिलाफ आंदोलनरत छात्रों के समर्थन में यहां गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के पास पिछले चार दिनों से धरना पर बैठे छात्र गुरुवार को एकदिवसीय सामूहिक उपवास रख कर विरोध दर्ज कराया.
साथ ही स्कैम की सीबीआई जांच की मांग की. इस दौरान उन्होंने एसएससी की सभी परीक्षाओं की पूरी कार्यप्रणाली की समयबद्ध तरीके से स्वतंत्र सीबीआई जांच की मांग रखी. साथ ही जांच पूरी होने तक के लिए एसएससी की सभी परीक्षाओं को स्थगित रखने की मांग की.
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