19.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोशी को मिलेगा ”नोबेल पुरस्कार” जैसा प्रित्जकर प्राइज, यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय

नयी दिल्ली : आॅस्कर पुरस्कार देने-दिलाने वाले मौसम में भारत के मशहूर आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोशी को नोबल पुरस्कार के बराबर माने जाने प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. यह पुरस्कार आर्किटेक्चर क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वालों को दिया जाता है. पुणे में जन्मे 90 साल के दोशी इस सम्मान को पाने वाले पहले […]

नयी दिल्ली : आॅस्कर पुरस्कार देने-दिलाने वाले मौसम में भारत के मशहूर आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोशी को नोबल पुरस्कार के बराबर माने जाने प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. यह पुरस्कार आर्किटेक्चर क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वालों को दिया जाता है. पुणे में जन्मे 90 साल के दोशी इस सम्मान को पाने वाले पहले भारतीय हैं. यह पुरस्कार पाने वालों में दुनिया के मशहूर आर्किटेक्ट जाहा हदीद, फ्रैंक गहरी, आईएम पेई और शिगेरू बान के नाम शामिल हैं.

इसे भी पढ़ेंः आर्किटेक्ट पास करेंगे जी प्लस टू भवनों का नक्शा

प्रित्जकर की ज्यूरी का कहना है कि सालों से बालकृष्ण दोशी ने एक ऐसा आर्किटेक्ट बनाया है, जो गंभीर, गैर-आकर्षक और ट्रेंड्स को फॉलो नहीं करते हैं. उनके अंदर अपने देश और लोगों के जीवन में योगदान देने की इच्छा होने के साथ ही जिम्मेदारी की गहरी समझ है. उच्च गुणवत्ता, प्रामाणिक वास्तुकला के जरिए उन्होंने सार्वजनिक प्रशासन और उपयोगिताओं, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान और रिहायशी और प्राइवेट क्लांइट्स और दूसरी इमारतें बनायी हैं.

वरिष्ठ आर्किटेक्ट ले कॉर्ब्यूसर के साथ पेरिस में कर चुके हैं काम

मुंबई के प्रतिष्ठित जेजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से पढ़ाई करने वाले दोशी ने वरिष्ठ आर्किटेक्ट ले कॉर्ब्यूसर के साथ पेरिस में साल 1950 में काम किया था. उसके बाद वह भारत के प्रोजेक्ट्स का संचालन करने के लिए वापस देश लौट आये. उन्होंने साल 1955 में अपने स्टूडियो वास्तु-शिल्प की स्थापना की और लुईस काह्न और अनंत राजे के साथ मिलकर अहमदाबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कैंपस को डिजायन किया.

भारत के कर्इ संस्थानों को डिजायन करने में निभार्इ अहम भूमिका

इसके बाद उन्होंने आईआईएम बंगलूरू और लखलनऊ, द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, टैगोर मेमोरियल हॉल, अहमदाबाद का द इंस्टिट्यूट ऑफ इंडोलॉजी के अलावा भारत भर में कई कैंपस सहित इमारतों को डिजायन किया है. इसमें कुछ कम लागत वाली परियोजनाए भी शामिल हैं. पुरस्कार लेने के लिए दोशी मई में टोरोंटो जायेंगे और वहां वह एक लेक्चर भी देंगे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें