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इंटर कॉलेज व हाइस्कूल के बीएड पास शिक्षकों को ही अनुदान
रांची : राज्य के इंटर कॉलेज, स्थापना अनुमति हाइस्कूल, संस्कृत स्कूल व मदरसा के शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को ही अनुदान की राशि दी जायेगी. वित्तीय वर्ष 2017-18 के अनुदान वितरण को लेकर विभागीय स्तर पर समीक्षा बैठक में यह निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया था. विभागीय निर्देश के अनुरूप जिला शिक्षा पदाधिकारी […]
रांची : राज्य के इंटर कॉलेज, स्थापना अनुमति हाइस्कूल, संस्कृत स्कूल व मदरसा के शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को ही अनुदान की राशि दी जायेगी. वित्तीय वर्ष 2017-18 के अनुदान वितरण को लेकर विभागीय स्तर पर समीक्षा बैठक में यह निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया था. विभागीय निर्देश के अनुरूप जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा स्कूल-कॉलेजों से कागजात की मांग की गयी है.
डीइओ कार्यालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार शिक्षण संस्थान अंकेक्षण प्रमाण पत्र, नामांकन यू -डाईस डाटा के अनुरूप हाेना चाहिए. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने शिक्षण संस्थानों से इस आशय का प्रमाण भी देने को कहा है कि अनुदान की राशि प्रशिक्षित शिक्षकों को ही भुगतान किया जा रहा है और शिक्षक नियुक्ति के पूर्व से प्रशिक्षित हैं. राज्य में लगभग 500 से अधिक अनुदानित इंटर कॉलेज, स्थापना अनुमति प्राप्त हाइस्कूल, मदरसा व संस्कृत स्कूल हैं.
इनमें काफी संख्या में ऐसे शिक्षक कार्यरत हैं, जो शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं हैं. इनमें वैसे स्कूल-कॉलेज भी शामिल हैं, जो एकीकृत बिहार के समय से संचालित हैं. उल्लेखनीय है कि इन विद्यालय के शिक्षकों को सरकार की ओर से कोई मानदेय नहीं मिलता है. सरकार द्वारा संस्थान को मिलनेवाले वित्तीय अनुदान से ही शिक्षकों को राशि दी जाती है.
स्कूल-कॉलेज में ताला बंद कर विधायक को सौंपेंगे चाबी : झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संंयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष मंडल की बैठक मंगलवार को हुई. बैठक में शिक्षकों को अनुदान राशि देने के लिए बीएड को अनिवार्य किये जाने व राशि संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी को देने का विरोध किया गया. बैठक में निर्णय लिया गया कि आठ मार्च को मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी.
इस दौरान आंदोलन की घोषणा की जायेगी. माेर्चा के रघुनाथ सिंह ने बताया कि मांग पूरी नहीं होने पर राज्य भर के इंटर कॉलेज, स्थापना अनुमति हाइस्कूल, मदरसा व संस्कृत स्कूल के संचालक अपने शिक्षण संस्थान में ताला बंद कर चाबी अपने क्षेत्र के विधायक को सौंप देंगे. स्कूल-कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारी विधायक के आवास के समक्ष धरना देंगे.
बिहार में बीएड नहीं था अनिवार्य
झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संंयुक्त संघर्ष मोर्चा के रघुनाथ सिंह ने कहा है कि राज्य में अधिकांश इंटर कॉलेज बिहार के समय से संचालित हैं. बिहार नियमावली में इंटर कॉलेज के शिक्षकों के लिए बीएड अनिवार्य नहीं था. कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों की सेवानिवृत्त होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
आगामी पांच से सात वर्ष में अधिकांश शिक्षक सेवानिवृत्त हो जायेंगे. ऐसे में इन शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता गलत है. राज्य में इंटर कॉलेज व स्थापना अनुमति हाइस्कूल की प्रस्वीकृति नियमावली में संशोधन का मामला विभागीय स्तर पर लंबित है. इसके लागू होने से इस समस्या का समाधान हो जाता.
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