शहर की सड़कों पर फुटपाथ तक हो गया कब्जा
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फुटपाथ पर दुकानदारों का सामान तो बताएं कि पैदल लोग कहां चलेंगे
शहर की सड़कों पर फुटपाथ तक हो गया कब्जा कोई ऐसा चौराहा नहीं, जो अतिक्रमण की चपेट में न हो सहरसा : शहर की सड़कों पर अतिक्रमण के आगे पूरा सिस्टम खामोश बना हुआ है. चाहे मुख्य चौराहे हों या फिर अन्य मार्ग. अधिकांश स्थानों पर तो सड़कों पर बने फुटपाथ तक सामान रख कर […]
कोई ऐसा चौराहा नहीं, जो अतिक्रमण की चपेट में न हो
सहरसा : शहर की सड़कों पर अतिक्रमण के आगे पूरा सिस्टम खामोश बना हुआ है. चाहे मुख्य चौराहे हों या फिर अन्य मार्ग. अधिकांश स्थानों पर तो सड़कों पर बने फुटपाथ तक सामान रख कर कब्जा कर लिया गया है. थानों की पुलिस तो यहां कोई कार्रवाई करती नहीं. ट्रैफिक पुलिस भी साल में एक या दो दिन अभियान के नाम पर खानापूर्ति ही करती है. यह अतिक्रमण जाम का भी बड़ा कारण बनता है. सड़कें अतिक्रमण मुक्त होने के साथ ही स्वच्छ हों तो उस शहर की सूरत अपने आप बदल जाती है. शहर में जब सौरव जोड़वाल के रूप में सदर एसडीएम आये, तो अतिक्रमण के खिलाफ दो महीने तक पूरे शहर में अभियान चलाया गया.
खुद नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन को भी फोर्स लेकर सड़कों पर उतरना पड़ा. नतीजा यह रहा कि शहर की तंग कही जाने वाली पुरानी सब्जी मंडी व डीबी रोड की सड़कें चौड़ी दिखने लगी और जाम की समस्या भी काफी हद तक कम हो गयी. लेकिन आइएएस जोड़वाल के तबादले के बाद प्रशासन का यह अभियान धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला गया और शहर की सड़कें फिर से अतिक्रमण की चपेट में आ गयी है.
पुलिस नहीं देती ध्यान: सरकार का निर्देश हैं कि अतिक्रमण के खिलाफ ट्रैफिक और थाना पुलिस मिल कर काम करें. लेकिन शहर के थानेदार हों या ट्रैफिक इंचार्ज या फिर गृहरक्षक, इन्हें गश्त के दौरान कहीं भी अतिक्रमण नहीं दिखता. कहीं जाम दिखता है तो जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की मान कर मुंह मोड़ लेते हैं. शहर में सार्वजनिक स्थानों पर कहीं पार्किंग नहीं है. सड़क पर ही अवैध तरीके से वाहन खड़े होते हैं, जिनसे जाम लगता है.
केवल कुछ घंटे की सख्ती: पुलिस शहर में जब भी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है तो कुछ घंटों तक ही सख्ती रहती है. उसके बाद फिर से सड़कों पर अतिक्रमण हो जाता है. ट्रैफिक पुलिस भी अभी तक कोई ठोस प्लान नहीं बना पायी है. इस वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
अब सड़कों का यह है हाल
शंकर चौक चौराहे से सब्जी मंडी होते हुए चांदनी चौक तक बुरा हाल है. सड़क पर ही अवैध ठेले, सब्जी विक्रेता सामान फैलाये रहते हैं. अवैध तरीके से ऑटो और इ-रिक्शा भी सड़कों को घेरे रखते हैं, जिससे यहां जाम की समस्या रहती है.
थाना चौक से लेकर दहलान चौक मुख्य मार्ग का भी यही हाल है. सड़क के दोनों तरफ का काफी हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में है.
गंगजला ढ़ाला से वीर कुंवर सिंह चौक तक बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, प्रशांत रोड, पूरब बाजार, नगरपालिका चौक, कचहरी चौक पर भी सड़क पर अवैध तरीके से अतिक्रमण के चलते जाम लगता है.
धर्मशाला रोड से बनगांव रोड तक सड़क के दोनों तरफ अवैध तरीके से कब्जा है.
शंकर चौक, रिफ्यूजी चौक व कचहरी गेट पर आधे से ज्यादा सड़क इ-रिक्शा वाले घेरे रखते हैं. रही-सही कसर ठेले वाले और दुकानदार पूरी कर देते हैं. इनका सामान दुकानों से काफी आगे तक रहता है. वहीं, चौराहे का एक हिस्सा अवैध पार्किंग के हवाले रहता है. इसी तरह गांधी पथ, मारूफगंज रोड और बड़ी दुर्गा स्थान रोड का भी यही हाल है.
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