हाल आरटीपीएस काउंटर का 11 प्रखंड 11 रिपोर्टर
जिले में अधिकतर प्रखंडों के आरटीपीएस काउंटर पर बेहद अराजक स्थिति है. कई जगह काउंटर कम हैं, तो कई जगह कर्मचारियों का अभाव है. दूसरी ओर जिले में कई जगह राशन कार्ड बनवाने की तिथि घोषित कर दी गयी है. इसको लेकर लोगों की लंबी-लंबी कतार दिन भर काउंटर के पास दिख रही है. कतार में महिलाओं की संख्या ज्यादा है.
दिन भर कतार में लगे रहने के बाद भी अधूरे कागजात की बात कह लौटाये जा रहे हैं लोग, कहीं बिचौलिये भी हावी हैं. हालांकि कुछ आरटीपीएस काउंटरों पर स्थिति सामान्य थी, पर ऐसे काउंटरों की संख्या कम थी. प्रभात खबर के साथियों ने जिले के विभिन्न ऐसे ही काउंटरों पर जा कर जाना हाल. यहां प्रस्तुत है हमने जो देखा, जो सुना उसका आंखों देखा हाल.
सबौर : प्रखंड मुख्यालय में दो दिनों से राशन कार्ड बनवाने वाले की भीड़ आरटीपीएस काउंटर पर उमड़ रही है. मंगलवार को भी यही हाल था. काउंटर की कमी और कर्मियों का घोर अभाव के कारण अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. लंबी लाइन में खड़ी महिलाएं काफी परेशान थी. राशन कार्ड बनवाने के लिए आवासीय प्रमाणपत्र की अनिवार्यता है. आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आरटीपीएस कांउटर पर लोग जमा हो रहे हैं. इससे भीड़ बढ़ जाती है.
इस संबंध में लाइन में खड़ी लोदीपुर की रूपम देवी कहती हैं कि कल भी आयी थी और आज भी दो घंटे से लाइन में खड़ी हूं. पता नहीं कब आवासीय बन सकेगा. तब तक तो राशन कार्ड बनवाने का समय ही समाप्त हो जायेगा.
लोदीपुर की रिंकु देवी कहती हैं कि बहुत परेशानी हो रही है. काम हो ही नहीं रहा है. लाइन लंबी है. एक काउंटर पर फार्म लिया जा रहा है. वह भी दोपहर बाद लेना बंद कर दिया जाता है. हम लाइन से फिर वापस हो जाते हैं.
लोदीपुर की रीना देवी कहती हैं कि राशन कार्ड बनवाना अब लग रहा है मेरे बस का नहीं है. क्योंकि जब आवासीय बनवाने में ये हाल है तो फिर आगे क्या होगा.
महराचक की छात्र गुड़िया कुमारी कहती है कि जाति, आय, आवासीय बनवाने आयी हूं. नामांकन के लिए जरूरी है. दो घंटा से ज्यादा देर से खड़ी हूं लेकिन पता नहीं कब नंबर आयेगा.
ममलखा की सोनी देवी कहती हैं कि राशन कार्ड बनवाने के लिए आवासीय बनवाने आयी हूं. लेकिन इस अफरा-तफरी में अब लाइन में खड़ा रहना संभव नहीं है.