नयी दिल्ली : भाजपा सांसद सुब्रहमणियम स्वामी ने उद्योगपति गौतम अडाणी पर मंगलवारको आरोप लगाया कि ‘गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मामले में वह बड़े कलाकर हैं.’ इसी के साथ उन्होंने अडाणी की जवाबदेही तय किये जाने की भी मांग की.
इसके जवाब में कंपनी ने कहा है कि उसकी साख ऐसी है कि उसे विभिन्न स्रोतों से कर्ज प्राप्त होता रहता है और बड़ी परियोजनाओं के लिए बड़े कर्ज की जरूरत होती ही है. स्वामी ने एक ट्वीट में कहा, ‘सरकारी बैंकों के एनपीए में गौतम अडाणी सबसे बड़े खिलाड़ी हैं. अब समय आ गया है कि उनकी जवाबदेही तय की जाये या उनके खिलाफ एक जनहित याचिका अपरिहार्य हो गयी है.’ उन्होंने दावा किया, ‘बहुत सी बातें हैं जिनमें उनके खिलाफ कुछ नहीं हुआ है और ना ही उनसे कोई सवाल कर रहा है. यह सरकार के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है क्योंकि वह खुद को सरकार का करीबी जताता है.’
स्वामी ने कहा कि सरकार को उन मामलों में एक स्थिति रपट मंगानी चाहिए जिनमें उनकी कंपनी शामिल है. साथ ही सूचीबद्ध एनपीए, कोयला आयात और ऑस्ट्रेलिया में उनके कारोबार से जुड़े विवादों पर भी स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए. स्वामी की टिप्पणी पर अडाणी समूह ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘उनकी कंपनियों का कम लागत और छोटी अवधि में विश्वस्तरीय अवसंरचना परियोजनाओं को खड़ा करने का इतिहास रहा है.’ समूह ने कहा है ‘पूंजी की अत्यधिक आवश्यकतावाली परियोजनाओं में निश्चित रूप से ऋण की पूंजी लगेगी. लेकिन, हमारी साख हमें विभिन्न स्रोतों से ऋण पाने के काबिल बनाती है. अडाणी समूह का कहना है कि, कर्ज कैसा है इसकी एक मात्र कसौटी यह है कि क्या उसकी किस्तें नियमित हैं और अडाणी समूह अपने प्रारंभ से ही इसको बहुत अच्छी तरह से पालन करता आ रहा है.