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प्रदूषण नियंत्रण थाने की जरूरत
जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग के चेतावनी भरे संकेत मिलने शुरू हो गये हैं, उससे जनजीवन में हमें पर्यावरण संबंधी बनाये हुए नियमों का सख्ती से पालन करने और करवाने की जरूरत है. पुलिस थानों और ट्रैफिक थानों की तरह सरकार द्वारा जगह-जगह प्रदूषण थाने बनवाये जाने कि जरूरत है. कहीं कोई प्लास्टिक कचरे के […]
जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग के चेतावनी भरे संकेत मिलने शुरू हो गये हैं, उससे जनजीवन में हमें पर्यावरण संबंधी बनाये हुए नियमों का सख्ती से पालन करने और करवाने की जरूरत है.
पुलिस थानों और ट्रैफिक थानों की तरह सरकार द्वारा जगह-जगह प्रदूषण थाने बनवाये जाने कि जरूरत है. कहीं कोई प्लास्टिक कचरे के ढेर को एक जगह आग लगाकर छोड़ देते हैं, तो कहीं प्रदर्शन के नाम पर रबर या नायलॉन के टायर में आग लगाकर छोड़ देता है, जो भयानक जहरीले धुएं छोड़ते हैं.
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की सफलता के दावों-प्रतिदावों के बीच आज भी शाम के समय में कस्बाई इलाकों में कोयले और गुल के घरेलू चूल्हे से निकलते सफेद-काले धुएं देखे जा सकते हैं, जो जहरीले कार्बन मोनोआॅक्साइड छोड़ते हैं. सरकार से उम्मीद है एक नयी पहल तथा पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण थानों की, जो प्रदूषण के उपरोक्त तमाम स्रोतों पर प्रभावी नकेल कस सके.
विभूति पांडेय, जमशेदपुर
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