साहिबगंज : गंगा पुल निर्माण संघर्ष समिति एवं साहिबगंज जिला विकास समिति की संयुक्त रूप से सोमवार को आहूत साहिबगंज बंद पूर्ण रूप से सफल रहा. समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार गुप्ता के नेतृत्व में सुबह 8 बजे से साहिबगंज धर्मशाला चौक, चौक बाजार से एक जुलूस निकाला गया. जो एलसी रोड, बादशाह मोड़, सब्जी मंडी, स्टेशन रोड होते हुये पुन: गांधी चौक तक पहुंचा ही था कि पुलिस बल ने सुबह 9 बजे गांधी चौक के समीप इ-रिक्शा माइकिंग के साथ 22 लोगों को गिरफ्तार कर नगर थाना ले आयी.
मौके पर नगर थाना में अध्यक्ष अरविंद कुमार गुप्ता ने कहा कि पिछले महीने जनवरी 2018 में झारखंड सरकार ने खासमहाल की जमीन को 30 वर्ष के लिए लीज नवीकरण के लिए जमीन के मूल्य 20 प्रतिशत फीस निर्धारित किया था. वहीं जमीन के व्यवासायिक इस्तेमाल के लिए फीस दो गुना यानी 40 प्रतिशत फीस निर्धारित किया था. परंतु साहिबगंज जिला विकास समिति द्वारा इसके विरोध कर दिया है जबकि साहिबगंज की जमीन खासमहाल की जमीन है ही नहीं.
अगर सरकार साहिबगंज की जमीन को फ्री में भी लीज करेगी तो भी साहिबगंजवासी लीज नहीं करायेंगे. क्योंकि अगर हम अपनी जमीन का लीज कराते हैं तो अपनी जमीन का मालिकाना हक खोकर अपनी ही जमीन पर भाड़ेदार बन जायेंगे. सरकार की ओर से बराबर साहिबगंज की जमीन को खासमहाल बता कर यहां की जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से पूर्व की तरह साहिबगंज की जमीन का रजिस्ट्री शुरू कराने व लगान रसीद काटना अविलंब आरंभ कराने की मांग की है.
वहीं कहा कि केंद्र सरकार को एक माह के अंदर गंगा पुल का निर्माण कार्य आरंभ कराने का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन जनवरी क्या फरवरी भी बीत गया है, लेकिन गंगा पुल का निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया गया. सरकार केवल तारीख पर तारीख दे रही है और जनता को गुमराह कर रही है. जिसे समिति अब बरदाश्त नहीं करेगी. इसलिए अब समिति बाध्य होकर जन आंदोलन करेगी. श्री गुप्ता ने कहा कि साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल का शिलान्यास छह अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. उन्होंने घोषणा की थी कि साढ़े चार वर्ष में गंगा पुल का निर्माण पूरा हो जायेगा. परंतु शिलान्यास के 11 माह बीत जाने के बाद भी अब तक गंगा पुल निर्माण के लिए एक ईंट भी नहीं जोड़ा जा सका है.
डीएसपी, सीओ व थाना प्रभारी के साथ हुई नोक-झोंक
सुबह 9 बजे बंद कराने निकले समर्थकों के बीच पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने की खबर मिलने पर आजसू नेता चतुरानंद पांडे व झाविमो नेता कुंदन साह के साथ नोक-झोंक हुई. प्रभारी थाना प्रभारी अनवर अली ने कहा कि धारा 144 लागू है. अधिक संख्या में लोगों को नहीं आना हैं. बाद में डीएसपी ललन प्रसाद, सीओ रामनरेश सोनी के समझाने के बाद लोग माने.
सुरक्षा-व्यवस्था में तैनात थे पुलिस बल
बंद को देखते हुए सदर डीएसपी ललन प्रसाद, कार्यपालक दंडाधिकारी मोहन लाल मरांडी, सीओ रामनरेश सोनी, इंस्पेक्टर आनंद सिंह, नगर थाना प्रभारी अनवर अली, जिरवाबाड़ी थाना प्रभारी चंदन कुमार के अलावे कई इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर समाहरणालय के गेट के सामने तैनात थे.
क्या हैं मांगें
साहिबगंज शहर की जमीन को फर्जी खासमहाल से मुक्त कर पूर्व की भांति रजिस्ट्री जमीन अविलंब किया जाये, गंगा पुल का निर्माण कार्य अविलंब शुरू किया जाये, बंद पड़े पेयजल आपूर्ति योजना को अविलंब शुरू किया जाये. इसके अलावे गंगा पुल में रेलवे लाइन जोड़ने एवं पूर्वी एवं पश्चिमी रेलवे क्राॅसिंग पर ओवरब्रिज निर्माण भी प्रमुख मांगों में शामिल हैं.
यात्रियों को हुई परेशानी
ट्रेन व बस से उतरने के बाद यात्रियों को काफी परेशानी हुई. इ-रिक्शा व ऑटो कम चलने से लोग परेशान दिखे.
एक करोड़ का कारोबार प्रभावित
शहर की चाय, पान, मिठाई, कपड़ा, स्टेशनरी व अन्य दुकानें बंद रही. जिससे लगभग एक करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है.
आजसू व झामुमो ने बंद काे दिया नैतिक समर्थन
बंद को सफल बनाने में आजसू नेता चतुरानंद पांडे, झाविमो नेता कुंदन साह व कई सामाजिक संगठन के लोग का मिला नैतिक समर्थन.
कौन-कौन हुए गिरफ्तार
नगर थाना में गंगा पुल निर्माण संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष जगतकिशोर यादव, नगर अध्यक्ष प्रिंस गुप्ता, उपाध्यक्ष आकाश तिवारी, विनोद कुमार यादव, बसंत कुमार श्रीवास्तव, रिंकू खान, विकास सिन्हा, कुंदन साह, चंदन चौधरी, मंटू पासवान, चंद्रशेखर मोदी, परवीन कुमार सिन्हा, तारकनाथ दास, ओमप्रकाश यादव, पप्पी तांती, विनोद कुमार तांती, बादल कुमार राम, अविनाश कुमार, उमेश यादव, मो नेहाल गिरफ्तार हुए. जिरवाबाड़ी थाना में झाविमो नेता कुंदन साह, नगर अध्यक्ष चंदन चौधरी, मंटू पासवान, ओमप्रकाश यादव, अविनाश कुमार, परवीन कुमार सिन्हा, चंद्रशेखर प्रसाद, तारकनाथ दास को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें दोपहर 1 बजे बांड भरने के बाद छोड़ दिया गया.
बंदी को सफल बनाने में आजसू नेता चतुरानंद पांडे, झाविमो नेता कुंदन साह, सुनील कुमार चौरसिया, नरेश कुमार उर्फ बंटी, व्यास कुमार पासवान, रंजीत कुमार झा सहित कई लोग शामिल हैं.
कई बार टला मामला
सरकार द्वारा पिछले 18 वर्षों से प्रत्येक वर्ष गंगा पुल का बजट बढ़ा कर केवल खानापूर्ति कर दी जाती है, परंतु गंगा पुल का निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया जाता है. श्री गुप्ता ने कहा कि पहली बार सन 2001 में बाबूलाल मरांडी सरकार ने गंगा पुल निर्माण के लिए 450 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया था. दूसरी बार सन 2002 में 500 करोड़ का, तीसरी बार सन 2003 में 600 करोड़ का, चौथी बार 2004 में 650 करोड़, पांचवी बार 2006 में अर्जुन मुंडा सरकार ने 800 करोड़, छठी बार 2007 में 850 करोड़ का, सातवीं बार 2011 में 1300 करोड़, आठवीं 2012 में 1500 करोड़ का बजट बना, नौवीं बार केंद्र सरकार द्वारा 2015 में 1905 करोड़ का बजट बनाया गया. दसवीं बार 2016 में 2286 करोड़ एवं 11वीं बार 2017 में 2598 करोड़ का बजट बनाया गया है, लेकिन गंगा पुल का निर्माण नहीं हुआ.