इंदौर : देश की महिला कुश्ती टीम के पूर्व कोच कृपाशंकर पटेल बिश्नोई ने आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) ने पहलवानों को नये अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक तैयार किये बगैर ही सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप में भिड़ंत के लिये भेज दिया जिससे उनके प्रदर्शन पर विपरीत असर पड़ा.
किर्गीस्तान के बिशकेक में रविवार चार मार्च को संपन्न इस प्रतियोगिता में भारत ने एक स्वर्ण, एक रजत और छह कांस्य पदक समेत कुल आठ पदक जीते हैं. प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बिश्नोई ने एक बयान में कहा,कुश्ती के नये अंतरराष्ट्रीय नियमों के कारण भारतीय पहलवानों को अपना वजन तुलवाने के तुरंत बाद सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप के मुकाबलों में उतरना पड़ा.
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ज्यादातर भारतीय पहलवान इसके अभ्यस्त नहीं थे. इसका खराब असर स्पर्धा में भारत के प्रदर्शन पर देखने को मिला. उन्होंने कहा, मुकाबले से तुंरत पहले वजन कम कर कुश्ती लड़ना बहुत मुश्किल काम है. अगर भारतीय पहलवानों को खासकर वजन के नये अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक समय रहते तैयार किया जाता, तो हम सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप में अपेक्षाकृत ज्यादा पदक जीत कर अपना दबदबा कायम कर सकते थे.
फिल्म दंगल के लिये बॉलीवुड सितारे आमिर खान को कुश्ती के गुर सिखाने वाले 40 वर्षीय कोच ने कहा कि नये नियमों के मुताबिक न ढल पाने के कारण किसी मुकाबले से पहले आमतौर पर ज्यादातर भारतीय पहलवानों का भार अपने तय वजन वर्ग से थोड़ा ज्यादा होता है. वे मुकाबले के अंतिम समय में पानी और अन्य तरल पदार्थ बेहद कम मात्रा में लेकर एकाएक वजन घटाने की कोशिश करते हैं, ताकि वे अपने तय वजन वर्ग में भिड़ंत की पात्रता हासिल कर सकें.
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लेकिन इस प्रवृत्ति से उनमें डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) का खतरा बढ़ जाता है. बिश्नोई ने कहा शरीर में पानी की कमी से पहलवानों को मुकाबले के दौरान दांव-पेंचों के तुरंत निर्णय लेने में भी परेशानी होती है. इसका सीधा असर उनके प्रदर्शन पर पड़ता है.