13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

होली का त्योहार न करे सेहत पर वार, ध्यान रखें ये बातें

होली के त्योहार में रंग खेलने और शरारत करने की ही आजादी नहीं होती, बल्कि अपने मन-पसंद पकवानों का मजा लेने की भी पूरी छूट होती है. मगर नियंत्रण न रखा जाये, तो यह छूट आपके त्योहार के मजे को फीका भी कर सकती है. जिस तरह रंगों के बिना होली की कल्पना नहीं की […]

होली के त्योहार में रंग खेलने और शरारत करने की ही आजादी नहीं होती, बल्कि अपने मन-पसंद पकवानों का मजा लेने की भी पूरी छूट होती है. मगर नियंत्रण न रखा जाये, तो यह छूट आपके त्योहार के मजे को फीका भी कर सकती है. जिस तरह रंगों के बिना होली की कल्पना नहीं की जा सकती, उसी तरह गुझिया की मिठास के बिना यह त्योहार बेमानी-सा लगता है.

हां, मगर कभी-कभी स्वाद के चक्कर में हम जरूरत से ज्यादा गुझिया व अन्य पकवानों का सेवन कर लेते हैं, जिससे बदहजमी जैसी दिक्कतें त्योहार के आनंद को किरकिरा कर देती हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप स्वाद के साथ सेहत का भी पूरा ख्याल रखें.

त्योहारों के मौके पर ओवरईटिंग से बचना चाहिए. होली पर बननेवाली मिठाइयां व व्यजंन काफी तले-भुने होते हैं और यह आसानी से नहीं पच पाते हैं. पानी लगातार पीते रहें. पानी की कमी से खाद्य पदार्थ को पचने में काफी समस्या आती है. कम-से-कम आठ गिलास पानी जरूर पीयें.

आमतौर पर लोग त्योहारों के दिन व्यायाम करने में ढीले पड़ जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. इस दिन भी आपको रोज की तरह व्यायाम करना चाहिए ताकि शरीर में कैलोरी की मात्रा सीमित रहे.

– प्राची खरे

ध्यान रखने योग्य बातें

ज्यादा तला-भुना व मसालेदार खाना खाने से बचें.

भांग, केसर का शरबत या किसी नशे के सेवन से परहेज करें.

खोए व मैदे से बनी गुझिया आपके सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है, इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में खायें.

होली में आप ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकते हैं. यह स्वास्थ के लिए फायदेमंद है.

होली में पेय पदार्थ में आप जूस पी सकते हैं. इससे शरीर को पोषण भी मिलेगा.

कोशिश करें कि आप घर पर बनी मिठाइयों का सेवन करें. बाजार की मिठाइयों में मिलावट हो सकती है.

खतरनाक हो सकते हैं गुब्बारे

होली के दौरान इस्तेमाल होनेवाले गुब्बारे खतरनाक साबित हो सकते हैं. इससे आंखों या सिर को गंभीर नुकसान हो सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक, अधिकतर सिंथेटिक रंग आंखों या त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं. घर में तैयार किये जानेवाले रंग हमेशा बेहतर होते हैं. रासायनिक रंगों में सीसे जैसे भारी धातु हो सकते हैं, जो कि आंख और त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं. भारी धातु की वजह से स्किन एलर्जी, डर्माटाइटिस, त्वचा का सूखना या फटना, स्किन कैंसर, राइनाइटिस, अस्थमा और न्यूमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

खुद तैयार करें रंग

< आटे में हल्दी मिलाकर पीला रंग बनायें.

< टेसू के फूल की पत्ती से केसरिया रंग तैयार करें.

< चुकंदर के टुकड़ों को पानी में भिगोकर मैजेंटा रंग बना सकते हैं.

आंखों का रखें ख्याल

अगर रंग में रासायनिक तत्व होंगे, तो इससे एलर्जी की समस्या, कैमिकल बर्न, कॉर्नियल एब्रेशन और आंखों में जख्म की समस्या हो सकती हैं. अगर आंख की दृष्टि स्पष्ट न हो, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाया जाना चाहिए. रंग में मिलाये जानेवाले तत्व (गुलाल में अभरक) से कॉर्निया को नुकसान हो सकता है.

फर्स्ट एड

अगर कोई भी रंग आंख में चला जाता है, तो आंखों को पानी से अच्छी तरह से धोयें, और परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.

सरफराज खान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें