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बिहार : जीत का खुमार टूटा भी नहीं था कि अपनों ने दिया कांग्रेस को झटका, 4 एमएलसी पार्टी छोड़ जदयू में हुए शामिल

पटना : कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश के उपचुनाव में मिली जीत के जश्न में डूबी हुई थी कि उनके चार एमएलसी ने देर शाम पार्टी छोड़ जदयू में शामिल होने का एलान कर दिया. हालांकि औपचारिक एलान के पहले कांग्रेस ने इन चारों बागी एमएलसी अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, तनवीर अख्तर और रामचंद्र भारती को […]

पटना : कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश के उपचुनाव में मिली जीत के जश्न में डूबी हुई थी कि उनके चार एमएलसी ने देर शाम पार्टी छोड़ जदयू में शामिल होने का एलान कर दिया.
हालांकि औपचारिक एलान के पहले कांग्रेस ने इन चारों बागी एमएलसी अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, तनवीर अख्तर और रामचंद्र भारती को पार्टी से बाहर को रास्ता दिखा दिया. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा है कि ये सभी जनाधार विहीन नेता है. इनके जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी काफी समय से पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे. वे समय- समय पर इसका इजहार भी करते थे. पार्टी में उनका कद लगातार घटता जा रहा था इस कारण वे सीपी जोशी को ठहराते थे.
उनका कांग्रेस का छोड़ना अप्रत्याशित इसलिए नहीं रहा कि इसकी पृष्टभूमि उसी समय से तैयार हो रही थी जब से वे मंत्री पद से हटे थे. इंतजार था तो सिर्फ संख्या बल का. मंगलवार को यह संख्या बल पूरा हो गया. तनवीर अख्तर और दिलीप कुमार चौधरी को इसकी वैधानिक व कानूनी पहली की जानकारी का भार सौंपा गया.
मंगलवार से ही इनलोगों की गतिविधि तेज हो गयी थी. चर्चा है कि चारों एमएलसी आज विधान परिषद के सभापति से मिले थे. आज दोपहर में पूरी तैयारी जब पूरी हो गयी तो देर शाम औपचारिक एलान हो गया. तनवीर अख्तर के जदयू में शामिल होने पर हाल ही में इस्तीफा दिए सरफराज की भरपायी होगी. जदयू से नाराज चल रहे उदय नारायण चौधरी की कमी को अशोक चौधरी पूरा करेंगे.
राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि जदयू में औपचारिक तौर पर शामिल होने के बाद उन्हें मंत्री पर से भी नवाजा जा सकता है. एक यह भी चर्चा है कि उनकी नजर जमुई लोकसभा सीट पर भी हैं. वहां से वे चुनाव लड़ चुके हैं. चुनाव में वे बुरी तरह हारे थे. अशोक चौधरी का कांग्रेस में बड़ा दर इसलिए था कि वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. विधानसभा में कांग्रेस को चार से 27 सीट तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.
– जानें कांग्रेस छोड़ने वाले चार एमएलसी के बारे में
अशोक चौधरी
कांग्रेस के बड़े दलित नेता महावीर चौधरी के पुत्र. 2014 में एमएलसी बने. इसके पहले 2000 में विधायक थे. राबड़ी मंत्रिमंडल में जेल और नीतीश मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री.
तनवीर अख्तर
2016 में एमएलसी बने. इसके पहेल युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे. स्टेट बैंक के निदेशक रहे. जेएनयू छात्रसंध के अध्यक्ष रहे. अबतक कांग्रेस एक ही बार जेएनयू में जीती. जेएनयू के पहले मुसलिम अध्यक्ष
दिलीप चौधरी
कांग्रेस से दो टर्म से विधान परिषद के सदस्य. मिथिलांचल से आते हैं. विधान परिषद का एक प्रमुख चेहरा
रामचंद्र भारती
राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के सदस्य. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के करीबी माने जाते हैं. संगठन में सक्रिय रहते हैं.

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