मुंबई : 11, 500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी के आरोपी डायमंड कारोबारी नीरव मोदी की प्रमुख कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने अमेरिका में दिवालिया होने की अर्जी दी है. दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय यानी इडी ने अमेरिका सहित विदेश में छह जगह पर उसके ठिकानों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रही है. यह खबर बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने दी है. इतना ही नहीं उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किये जाने की संभावना है.
न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट में कोर्ट फाइलिंग के अनुसार, फायरस्टार ने पांच से 10 करोड़ डॉलर की लिस्टेड एसेट्स और लायबिलिटी की जानकारी दी है. इडी ने नीरव के खिलाफ गैर जमानती वारंट के लिए कोर्ट में भी याचिका दायर की है. इससे पहले उसने मुंबई की पीएमएलए कोर्ट में लेटर्स रोगेटरी इश्यू करवाने की अपील की थी. अदालत ने बुधवार तक उस पर फैसला सुरक्षित रखा है. इडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने यह जानकारी दी है. इडी का कहना है कि तीन बार समन जारी होने के बाद भी नीरव मोदी उसके सामने पेश नहीं हुआ है, इसलिए गैर जमानती वारंट जारी किया जाये.
इटी की खबर के अनुसार, इडी के वकील ने कहा है कि अमेरिका व भारत के बीच मनी लांड्रिंग अपराध से निबटने का समझौता है, इसके अनुसार इडी के लेटर रोगेटरी को अमेरिकी लिक्विडेटर के सामने क्लेम माना जाएगा. उन्होंने यह बात इस सवालकेजवाब में कही है कि क्या अमेरिका में दिवालिया होने की अर्जी देने से नीरव मोदी की संपत्ति जब्त करने की योजना पर असर पड़ेगा.
नये एलओयू पता चलने से घोटाले की रकम बढ़ी
वहीं, सीबीआइ को पीएनबी घोटाला मामले में नयी धोखाधड़ी का पता चला है. सीबीआइ ने कहा है कि पीएनबी को 1251 करोड़ रुपये के फ्रेश लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू का पता चला है. यह एलओयू गीतांजलि ग्रुप की कंपनियों से जुड़े हैं. ऐसे में पंजाब नेशनल बैंक घोटाले की कुल रकम बढ़ कर 12, 636 करोड़ रुपये हो गयी है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में आइसीआइसीआइ बैंक के इडी एनएस कन्नन और पीएनबी की पूर्व एमडी उषा अनंतसुब्रमण्यन से पूछताछ की है. गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चोकसी को आइसीआइसीआइ बैंक से भी प्रमुखता से कर्ज मिला है.
आइसीआइसीआइ बैंक का पक्ष
आइसीआइसीआइ बैंक के प्रवक्ता ने कहा है कि हमने नीरव मोदी ग्रुप की कंपनियाें को कर्ज नहीं दिया है. हमने नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप को कोई लेटर ऑफ अंडरटेकिंग भी जारी नहीं किया है और न ही हमें इस एलओयू के एवज में दूसरे बैंकों से पैसा लेना है. हालांकि हमने कई अन्य बैंकों के साथ गीतांजलि ग्रुप को वर्किंग कैपिटल लोन दिया है, जिसमें हमारा बहुत ज्यादा एक्सपोजर नहीं है. हम जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं.
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