पटना : मुजफ्फरपुर के मीनापुर एनएच 77 पर हुई सड़क दुर्घटना में हुई 10 बच्चों की मौत की गूंज बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन भी गूंजती रही. असर ऐसा रहा कि हर साल होली से एक दिन पहले वाले सत्र में माननीय विधायक और विधान पार्षद एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली की शुभकामना देते थे. आज नजारा कुछ वैसा नहीं था. सबकुछ बिल्कुल झक सफेद. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना को लेकर पहले ही होली नहीं मनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इस घटना से वह मर्माहत हैं. वह होली नहीं मनायेंगे. सदन का नजारा भी कुछ ऐसा ही था, हर साल की तरह होली वाली ठिठोली नहीं थी और न ही कोई रंग और गुलाल की व्यवस्था थी. सदन में नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान मुजफ्फरपुर में हुई सड़क दुर्घटना पर विस्तार से बोला और कहा कि बिहार सरकार इसके लिए आगामी 25 मार्च को पुलिस अधिकारियों के साथ और भी बाकी विशेषज्ञों के साथ एक विशेष बैठक करने जा रही है. बिहार में आबादी के घनत्व के हिसाब से हो रही सड़क दुर्घटना में वृद्धि को लेकर जिसे अपनी राय देनी हो, वह दे सकता है.
बिहार विधानसभा में सुबह से ही विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने की चर्चा शुरू हुई, वह राजद विधायक महेश्वर यादव के नीतीश कुमार की तारीफ के साथ खत्म हुई. जीतन राम मांझी ने कह दिया कि वह अब महागठबंधन के साथ जायेंगे. तेजस्वी ने कहा कि शाम को आठ बजे दोनों लोग संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता करेंगे. उधर, एनडीए के सदस्य और जदयू नेताओं ने कहा कि मांझी उसके नहीं हुए, जिन्होंने मुख्यमंत्री बनाया, तो वह एनडीए के क्या होंगे. कांग्रेस के विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि हम मांझी के फैसले का स्वागत करते हैं, वहीं विधान पार्षद दिलीप चौधरी ने कहा कि मांझी आकर कौन सा पहाड़ तोड़ देंगे. राबड़ी देवी ने कहा हम उनका स्वागत करते हैं. मांझी जी को एनडीए में कभी भी वह सम्मान नहीं मिलेगा, जो राजद में मिलेगा.
दिन भर विधानमंडल परिसर में यह चर्चा भी तेज रही कि जीतन राम मांझी ने बदले में राजद से दो विधान परिषद या फिर एक राज्यसभा सीट देने की मांग की है. चर्चा सियासी गलियारों में यह भी रही की मांझी ने अपने बेटे संतोष मांझी और हम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल के लिए विधान परिषद की सीट की मांग तेजस्वी सेकी है. दूसरी ओर कई नेताओं ने कहा कि वह खुद राजद की सहायता से राज्यसभा पहुंचना चाहते हैं. इन्हीं चर्चाओं के बीच राबड़ी देवी ने कहा कि वह इस मसले पर बात करेंगे कि आखिर जीतन राम मांझी की मंशा क्या है.
बिहार में एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इधर, बिहार से राज्यसभा की छह सीटें भी खाली हो रही हैं, उस पर भी 23 मार्च को मतदान होना है. इसमें राजद को दो सीटें मिल सकती हैं. वहीं दूसरी ओर विधान परिषद की 11 सीटों के लिए भी चुनाव होना है और राज्यसभा में राजद और कांग्रेस के हिस्से तीन और विधान परिषद की पांच सीटें आयेंगी. राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें, तो मांझी के सलाहकारों ने उन्हें सारा गुणा गणित समझा दिया है और मांझी इसी के बहाने अपनी सियासत साधने में जुटे हुए हैं. इतना तो तय है कि मांझी के जाने से भले ज्यादा असर एनडीए पर नहीं पड़े, लेकिन राजद नेताओं में उत्साह देखा जा रहा है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मांझी का इस वक्त महागठबंधन में शामिल होना तेजस्वी की सियासी नेतृत्व क्षमता का भी परिचायक है. मांझी के जाने से एनडीए के लोग परेशान नहीं हैं. कई नेताओं ने कहा वरिष्ठ नेता है, उनसे बातचीत की जायेगी, तो कइयों ने कहा कि कोई असर नहीं पड़ने वाला.
दिन भर इसी तरह की चर्चा में सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित हुई और जब दोबारा शुरू हुई, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बोलना शुरू किया और बीच में तेजस्वी के टोकने पर भड़क उठे. उन्होंने कहा कि मैं आप लोगों की तरह बात-बात पर मीडिया में नहीं जाता और ट्वीट नहीं करता. तेजस्वी ने बीच में यह कह दिया कि आपने मुजफ्फरपुर की घटना को एक सामान्य एक्सीडेंट की घटना बताकर निकल रहे हैं, लेकिन यह नौ बच्चों की हत्या है. सदन परिसर में अब्दुल बारी सिद्दीकी ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार सदन में फ्रीलांसिग कर रहे थे, इसलिए हमलोगों ने बहिष्कार किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान तेजस्वी को धैर्य रखने की सलाह दी और कहा कि जो बोल रहे हैं, उसे ध्यान से सुनिए, हमलोग काम करने आये हैं और बिहार की जनता ने काम करने के लिएमैंडेट दिया है. नीतीश ने कहा कि बातों को समझिए, हम समझाने की कोशिश किये थे, आपको, थोड़ा बहुत समझे भी थे शुरू में लेकिन बाद में आप ही समझने से मना कर दिये.
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