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कांची कामकोटि के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन, विजयेंद्र सरस्वती लेंगे उनकी जगह

कांचीपुरम (तमिलनाडु): श्री कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का दिल का दौरा पड़ने के बाद आज यहां निधन हो गया. आज सुबह 82 वर्षीय शंकराचार्य को बैचेनी की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल के सूत्रों ने यह जानकारी दी. आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठ के वरिष्ठ पीठाधिपति […]

कांचीपुरम (तमिलनाडु): श्री कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का दिल का दौरा पड़ने के बाद आज यहां निधन हो गया. आज सुबह 82 वर्षीय शंकराचार्य को बैचेनी की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल के सूत्रों ने यह जानकारी दी. आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठ के वरिष्ठ पीठाधिपति जयेंद्र सरस्वती दिवंगत श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीगल के बाद इस शैव मठ के प्रमुख बने थे.

जयेंद्र सरस्वती को वर्ष 1994 में कांची पीठ का प्रमुख बनाया गया था. उनका जन्म 18 जुलाई 1935 में तमिलनाडु में हुआ था. वे कांची मठ के 69वें शंकराचार्य थे. भाजपा महासचिव राम माधव ने उन्हें एक सुधारवादी संत बनाया, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई.

वृंदावन प्रवेश कार्यक्रम कल से, विजयेंद्र सरस्वती लेंगे जगह

जयेंद्र सरस्वती का स्थान कनिष्ठ पीठाधिपति विजयेंद्र सरस्वती लेंगे. इस मठ की स्थापना आदि शंकराचार्य ने करीब 2520 वर्ष पहले की थी. वैदिक संवाद में इस संस्कार को वृंदावन प्रवेशकार्यक्रम कहा जाता है. मठ के मुताबिक ये कार्यक्रम कल से प्रारंभ होंगे. मठ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, ‘‘ एचएच पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल का वृंदावन प्रवेश कार्यक्रम कल सुबह आठ बजे से होगा.” शंकराचार्य की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए कामकोटि पीठम में रखा गया है. मठ आने वाले श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू थे. उन्होंने शंकराचार्य को जगतगुरु बताया.

उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जतायी शोक संवेदना

उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन, पीएमके के संस्थापक एस रामदास और अन्य ने शंकराचार्य के निधन पर शोक जताया. मोदी ने कहा, ‘‘ श्री कांची कामकोटि पीठम जगदगुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन से बहुत दुखी हूं. अपनी अनुकरणीय सेवा एवं पावन विचारों के कारण वह श्रद्धालुओं के मन-मस्तिष्क में हमेशा जीवित रहेंगे. दिवंगत आत्मा को ओम शांति. ” मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ जगदगुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य अनगिनत सामुदायिक सेवा पहलों के अगुवा थे. उन्होंने उन संस्थानों को बढ़ावा दिया जिन्होंने गरीबों और वंचित तबके के लोगों की जिंदगी बदल दी.” उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘ कांची पीठाधिपति श्री जयेंद्र सरस्वती को मेरी श्रद्धांजलि. उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया. मानव कल्याण और आध्यात्मिकता के प्रसार में उनका योगदान अन्य लोगों के लिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा.”

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