चौथम : थाना क्षेत्र के सरैया गांव में बीते 16 फरवरी को दो पक्षों की बीच हो रही मारपीट को सुलझाने पहुंचे युवक की लोगों ने पिटायी कर दी. जख्मी हालत में युवक को इलाज के लिए बेगूसराय में भर्ती कराया गया. परिजनों द्वारा लाखों रुपये खर्च किया गया. लेकिन जख्मी रणधीर की मौत सोमवार की देर रात हो गयी. 11 दिनों तक अस्पताल में जीवन और मौत से जुझते रहे. मौत की सूचना मिलते ही सरैया गांव में परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. जिस समय गंभीर रूप से जख्मी रणधीर को निजी नर्सिंग होम में भर्ती किया गया.
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मारपीट के दौरान घायल युवक की इलाज के दौरान हुई मौत
चौथम : थाना क्षेत्र के सरैया गांव में बीते 16 फरवरी को दो पक्षों की बीच हो रही मारपीट को सुलझाने पहुंचे युवक की लोगों ने पिटायी कर दी. जख्मी हालत में युवक को इलाज के लिए बेगूसराय में भर्ती कराया गया. परिजनों द्वारा लाखों रुपये खर्च किया गया. लेकिन जख्मी रणधीर की मौत सोमवार […]
11 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी
घटना के बाद रणधीर के पिता जनकलाल पासवान के फर्द बयान पर गांव के ही लालो पासवान, फुलो पासवान, महेश्वर पासवान, अनिल पासवान, दिनेश पासवान समेत 11 लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. सूत्रों की माने तो दो पक्षों के बीच हो रहे लड़ाई को छुड़ाने के लिए रणधीर गया था, लेकिन दोनों पक्ष आपस में लड़ाई को छोड़ सभी लोग रणधीर पर ही टूट पड़े. जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. सिर पर चोट लगने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया. आखिर दस दिन तक इलाज चलने के बाद सोमवार की रात में आखिरकार वह जिंदगी से जंग हार ही गया.
शव को बेगूसराय स्थित सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. तत्पश्चात पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया. इस संबंध में थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि वरीय पदाधिकारी द्वारा कांड का सुपरविजन जल्द ही किया जाएगा. उसके बाद आरोपितों पर लगाए गए धारा में बदलाव किया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि सभी आरोपितों की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है. इधर शव पहुंचने पर मृतक के घर सुशील कुवर, सज्जन, पीयूष, भाजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष सुधीर यादव, अश्वनी सिंह, विजय सिंह ,संजीव सिंह ,राजीव सिंह आदि पहुंचकर परिजन को सांत्वना दिया.
पिता के अरमान रह गये अधूरा
रणधीर के पिता जनक पासवान ने बताया कि बेटे की शादी का अरमान अधूरा रह गया. उन्होंने बताया कि रणधीर सबसे बड़ा लड़का था और उसकी शादी मुंगेर में करने की बात चल रही थी. होली के बाद लोग आने वाले थे लेकिन भगवान को शायद मंजूर नहीं था. आज वह मेरे जिगर का टुकड़ा बिन बताए हमको छोड़कर चला गया,
हम लोग किसान रहते हुए भी अपने बेटे को आज तक एक मुट्ठी घास के लिए भी नहीं भेजा. बताते चलें कि रणधीर तीन भाइयों में सबसे बड़ा लड़का था. जिसकी उम्र करीब 28 वर्ष था. रणधीर को उसके छोटे भाई प्रह्लाद ने मुखाग्नि दी. वही मां सुलोचना देवी का रो रो कर बुरा हाल है
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