पटना : बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने आठवें बजटमें मद्य निषेध विभाग के लिए 184.75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. बिहार में मद्य निषेध को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु उत्पाद विभाग के अन्वेषन को मजबूत किया जा रहा है.
ज्ञात हो कि राज्य सरकार में बिहार उत्पाद (संशोधन) अधिनियम, 2016 के तहत शराब पीने या बेचने पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया है.उत्पाद अधिनियमका उल्लंघन करने पर सरकार ने न्यूनतम 5 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान कर रखाहै. 10 लाख रुपये जुर्माना के साथ आजीवन कारावास तक की अधिकतम सजा का इस कानून में प्रावधान किया गया है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि उत्पाद एवं मद्य निषेध राज्य के सबसे पुराने विभागों में से एक है. राज्य में शराबबंदी लागू होने से पहले राज्य के राजस्व का मुख्य स्रोत यही विभाग था. तब इस विभाग का मुख्य कामस्पीरिट, मद्यसार पदार्थों और छोआ का अनुश्रवण एवं किण्वन तथा विभिन्न प्रकार के कर एवं शुल्क के द्वारा राजस्व बढ़ाना था. अब यह विभाग शराबबंदी के लिए काम करता है.