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झारखंड : बोकारो से कोल बेड मिथेन का उत्पादन जून से : धर्मेंद्र प्रधान

घोषणा. एलपीजी कैटलिस्ट ऑफ सोशल चेंज के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोले धर्मेंद्र प्रधान रांची : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि बोकारो जिला से कोल बेड मिथेन का व्यावसायिक उत्पादन जून 2018 से शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि कोल बेड मिथेन को पहले औद्योगिक उपयोग के लिए जारी […]

घोषणा. एलपीजी कैटलिस्ट ऑफ सोशल चेंज के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोले धर्मेंद्र प्रधान
रांची : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि बोकारो जिला से कोल बेड मिथेन का व्यावसायिक उत्पादन जून 2018 से शुरू हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि कोल बेड मिथेन को पहले औद्योगिक उपयोग के लिए जारी किया जायेगा. इसके बाद बोकारो जिला में होम कनेक्शन दिया जायेगा. बोकारो, पर्वतपुर और कर्णपुरा में कोल बेड मिथेन के कुएं से उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. श्री प्रधान सोमवार को रांची में एलपीजी कैटलिस्ट ऑफ सोशल चेंज के दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
श्री प्रधान ने कहा कि देश भर के दो सौ जिलों में केंद्र सरकार लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) घर-घर तक पहुंचायेगी. इसमें झारखंड की राजधानी रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद और हजारीबाग जिले शामिल हैं.
रांची और जमशेदपुर में होम एलपीजी कनेक्शन पाइपलाइन के जरिये पहुंचायी जायेगी. यह धामरा, जगदीशपुर और हल्दिया पाइपलाइन की वजह से संभव होगा. एक महीने के अंदर पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने रसूखदारों और संपन्न घरानों के लोगों से रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 22.10 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ताओं में से सिर्फ 2.50 करोड़ लोगों ने ही सब्सिडी छोड़ी है. एलपीजी एक सामाजिक परिवर्तन का द्योतक है.
एससी, एसटी और वंचित उज्ज्वला योजना से जुड़े
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना से अति पिछड़े इलाकों में रह रहे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वंचितों, दलितों और पिछले तबके के लोगों को जोड़ दिया गया है.
झारखंड में उज्ज्वला योजना से राज्य सरकार ने केंद्र की योजना में बराबर की भागीदारी की है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा की सरकारें अब उज्ज्वला योजना में भागीदारी निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि अब 70 फीसदी लोग दुबारा एलपीजी गैस की रीफलिंग करा रहे हैं.
शहरों में संपन्न वर्ग के लोग अब भी वर्ष में सात-आठ सिलिंडर उपयोग में ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2014 में जहां एलपीजी की खपत सलाना 14 मिलियन मिट्रिक टन थी, वह बढ़ कर अब 24 मिलियन मिट्रिक टन हो गयी है. 2030 तक इसे 40 मिलियन मिट्रिक टन तक पहुंचाया जायेगा. जरूरत पड़ेगी तो विदेशों से भी इसका आयात किया जायेगा, ताकि सभी लोगों को क्लीन कुकिंग फ्यूएल मिल सके.
सोलर कुकर के लिए केंद्र करेगा मदद
श्री प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार सोलर कुकर के लिए मदद करेगी. केंद्र के पास इसकी उत्पादक कंपनियां आयें. इसे ग्रामीणों तक पहुंचाया जायेगा. सोलर पैनल अब सस्ता हो गया है. सोलर पैनल पर आधारित कुकिंग यूटिलिटी सेवाओं को विकसित किया जायेगा. स्वच्छ इंधन के नारे से इसे घर-घर तक पहुंचाया जायेगा.
झारखंड में एलपीजी गैस का कनेक्शन 45 फीसदी लोगों तक पहुंच गया : रघुवर दास
राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकारी योजनाओं से लोगों को जोड़ कर जन भागीदारी सुनिश्चित करना जरूरी है. केंद्र सरकार ने नमामि गंगे योजना, उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना व स्वच्छ भारत योजना शुरू की है.
उन्होंने कहा कि झारखंड में एलपीजी गैस का कनेक्शन 45 फीसदी लोगों तक पहुंच गया है. 2018 में 16 लाख गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि संपन्न लोग गैस की सब्सिडी समाप्त करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला और लकड़ी पर खाना बनाने से राज्य की महिलाओं का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. उन तक स्वच्छ इंधन का लाभ पहुंचाने से पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड एक समृद्ध प्रदेश है, पर यहां के लोग गरीब हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंच पा रहा है.
डीबीटी के लिए प्रीपेड कार्ड दिये जायें : डीसी
रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण के लिए प्रीपेड कार्ड दिये जायें. इससे लोगों में नयी चेतना आयेगी.
उन्होंने कहा कि झारखंड में एलपीजी गैस कनेक्शन अब सैचुरेशन मोड में है. एलपीजी पंचायत के जरिये अब महिलाओं को और सशक्त बनाया जा रहा है. उन्होंने रसोई गैस की सब्सिडी 330 रुपये करने की मांग रखी, ताकि लोगों का दो-दो लाख का स्वास्थ्य बीमा भी हो सके. रीफलिंग पर चेक एंड बैलेंस स्थापित करने की मांग भी की गयी.
उज्ज्वला योजना से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधर : मीता
रिसर्च डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की सीइओ मीता प्रियदर्शनी ने कहा कि उज्ज्वला योजना से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. मेक इन इंडिया के इस अभियान को अब तक 45 प्रतिशत लोगों ने सराहा है. देश भर में तीन करोड़ महिलाओं को रसोई गैस का कनेक्शन दिया जा चुका है.
जनवरी 2018 तक ग्रामीण भारत में 55 प्रतिशत लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन पहुंच गया है. पहल योजना के अंतर्गत 330 बिलियन रुपये की सब्सिडी लोगों को दी गयी है. प्रधानमंत्री की तरफ से एलपीजी पंचायत बनायी गयी है. उज्ज्वला योजना गरीबी उन्मूलन और महिलाओं को स्वावलंबी बनाये जाने के क्षेत्र में काम कर रही है.
प्राकृतिक गैस मंत्रालय, आॅयल कंपनियां, मार्केटिंग कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशुतोष जिंदल व कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के किर्क आर स्मिथ ने भी मौके पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम में सांसद जगदंबिका पाल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष संजीव सिंह, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन के अध्यक्ष समेत वर्ल्ड एलपीजी एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद थे.

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