हमें शर्म नहीं आती l आठ दिन का था विश्व कल्याण शांति महायज्ञ, तीन दिनों में ही कर दी पूर्णाहुति
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भगवान वासुपूज्य माफ करें, इस दुर्गंध में नहीं रह सकते
हमें शर्म नहीं आती l आठ दिन का था विश्व कल्याण शांति महायज्ञ, तीन दिनों में ही कर दी पूर्णाहुति भागलपुर : माफ करें भगवान वासुपूज्य. हम तो ठान कर आये थे कि आठ दिन रह कर यहां यज्ञ करेंगे. लेकिन हम उसे पूरा नहीं कर सके. तीसरे दिन ही हमें जाने के लिए विवश […]
भागलपुर : माफ करें भगवान वासुपूज्य. हम तो ठान कर आये थे कि आठ दिन रह कर यहां यज्ञ करेंगे. लेकिन हम उसे पूरा नहीं कर सके. तीसरे दिन ही हमें जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है. शुक्रवार को दिल्ली से नाथनगर स्थित विश्व प्रसिद्ध मंदिर आये 65 तीर्थयात्रियों का जत्था सोमवार को यही कह कर लौट गया. जंग खा चुके सिस्टम को तीर्थयात्रियों ने जम कर दुत्कारा और लौट गये. बता दें कि यह सब हुआ है एक सामान्य नाले के कारण. इस नाले का पानी यहां जमा रहता है. इसको बनवाने की मांग दो वर्ष से हो रही है.
भगवान वासुपूज्य माफ…
राज्य के मंत्री भी इलाके का दौरा कर चुके हैं, पर हालत बद से बदतर हो चुका है. इस काम के लिए जवाबदेह नगर निगम व नगर विकास विभाग इस इकलौते नाले का निर्माण पिछले दो वर्षों में शुरू भी नहीं करा सका है. हालत यह है कि मोहल्ले से निकला पानी यहां जमा रहता है. इससे मंदिर परिसर सहित पूरे इलाके में दुर्गंध और गंदगी फैली हुई है.
विश्व कल्याण महायज्ञ नहीं कर सके पूरा
तीर्थयात्रियों का 65 सदस्यीय दल दिल्ली से शुक्रवार को आया था. उनको यहां आठ दिवसीय विश्व कल्याण शांति महायज्ञ करना था. लेकिन दुर्गंध और गंदगी से परेशान होकर वे तीसरे दिन सोमवार को ही अपने विधान को स्थगित कर लौट गये.
इधर, जलजमाव से 70 फीट दीवार गिरी
पानी के जमाव के कारण मंदिर की चहारदीवारी कमजोर पड़ती जा रही है. बीते दिन 70 फीट पश्चिमी दीवार गिर गयी. इससे पहले 11 जुलाई 2017 को भी दक्षिणी दीवार का 155 फीट हिस्सा गिर चुका है. रोड किनारे की लगभग 200 फीट दीवार भी किसी दिन गिर सकती है.
बोले तीर्थयात्री
यह बहुत ही पवित्र स्थल है. यहां यह ठान कर आये थे कि आठ दिन का यज्ञ संपन्न करने के बाद ही लौटेंगे. लेकिन दुर्गंध और गंदगी के चलते दम घुटने लगा, इसलिए तीन दिन में ही विधान को संपन्न कर लौटना पड़ रहा है.
रवि जैन, दिल्ली
इस पवित्र स्थल की पवित्रता के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए. यह ऐसा भी काम नहीं कि जिसे करने के लिए वर्षों लगे. लेकिन जिस उत्साह के साथ यहां आये, यहां की बनायी गयी परिस्थितियों से उतने ही दुखी होकर लौट रहे हैं.
अंजू जैन, दिल्ली
बोले सिद्ध क्षेत्र के मंत्री
फोटो :
आश्वासन और टेंडर-टेंडर का खेल कब तक चलेगा. यह विश्वप्रसिद्ध स्थल है. सरकार जैन सर्किट के लिए 54 करोड़ रुपये देने की घोषणा करती है. इसमें चंपापुर के आसपास का विकास होगा. दूसरी ओर एक नाला तक नहीं बन पा रहा है. स्वच्छता का मजाक उड़ाया जा रहा है. आखिर कितना इंतजार और कितना आश्वासन. देश के विभिन्न कोने से चलने से पहले तीर्थयात्री अब यह पूछते हैं कि यहां की स्थिति कैसी है, अच्छी है तभी आयेंगे. यहां की स्थिति बताने में बहुत ही दुख होता है.
सुनील जैन, मंत्री, सिद्ध क्षेत्र
हाल जैन मंदिर का : अक्षम व्यवस्था से तबाह हुआ विश्व प्रसिद्ध स्थल, दूसरी तरफ की भी दीवार गिरी
नाले के लिए अब तक क्या-क्या हुआ
तत्कालीन नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी कर चुके हैं निरीक्षण
विधायक अजीत शर्मा ले चुके हैं जैन मंदिर का जायजा
तत्कालीन महापौर दीपक भुवानियां कई बार कर चुके हैं दौरा
निगम के अधिकारी व अन्य कई नेता हालात से हो चुके हैं दो-चार
सबने दिया आश्वासन, दो महीने में काम शुरू हो जायेगा
चार बार निकाला जा चुका है टेंडर, हर बार हुआ रद्द, अब पांचवीं बार हो रहा प्रयास
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