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बिहार सेना बहाली मामला : पेपर लीक करने में सेना के एक अफसर की पत्नी भी

दानापुर : सेना बहाली का पेपर लीक करने के प्रयास मामले में गिरफ्तार सेना के हवलदार हरीश कुमार राय को तीन दिन बाद भी सेना ने पुलिस के हवाले नहीं किया है. जानकारी के अनुसार गिरफ्तार हवलदार हरीश को रेजिमेंट के अल्फा कंपनी में रखकर सैन्य अधिकारी व आर्मी इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी पूछताछ कर […]

दानापुर : सेना बहाली का पेपर लीक करने के प्रयास मामले में गिरफ्तार सेना के हवलदार हरीश कुमार राय को तीन दिन बाद भी सेना ने पुलिस के हवाले नहीं किया है. जानकारी के अनुसार गिरफ्तार हवलदार हरीश को रेजिमेंट के अल्फा कंपनी में रखकर सैन्य अधिकारी व आर्मी इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी पूछताछ कर रही है.
पेपर लीक करने के प्रयास के मामले में सैन्य अधिकारी समेत एक सैन्य अधिकारी की पत्नी का भी नाम संलिप्त होने का मामला उजगार होने पर सैन्य अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. पुलिस सैन्य अधिकारी पर दावा बनाया जा रहा है कि गिरफ्तार हवलदार को पुलिस के हवाले किया जाये. थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह ने बताया कि से गिरफ्तार हवलदार हरीश को पुलिस को हवाले करने की मांग की जा रही है.
मास्टरमाइंड को गिरफ्तार नहीं कर सकी पुलिस, गिरफ्तारी के लिए छापेमारीनहींहोने पर पुलिस पर उठ रहे हैं सवाल
मामला दर्ज होने के बाद भी नामजद आरोपित व मास्टरमाइंड टुनू की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी नहीं किये जाने पर पुलिस पर सवाल उठे रहे हैं. वहीं पुलिस गिरफ्तार हरीश के मोबाइल फोन का सीडीआर खंगाल रही है.
उम्मीद जतायी जा रही है कि मामले में कई दलालों का नाम सामने आ सकता है. इसको लेकर पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. जानकारी के अनुसार मास्टरमाइंड टुनू के मोटर गैरेज में सेना व पुलिस की गाड़ी मरम्मत के लिए आती है और कई सैन्य कर्मी भी आते-जाते हैं. खुफिया विभाग ने एक अति गोपनीय रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी है.
हवलदार व टुनू के विरुद्ध मामला दर्ज : मालूम हो कि बीआरसी के एडजुटेंट मेजर अभिषेक कुमार ने सेना बहाली परीक्षा पेपर लीक करने के प्रयास के मामले में हवलदार हरीश कुमार राय व मास्टरमाइंड टुनू के विरुद्ध स्थानीय थाना में कांड संख्या 97/18 दर्ज कराया गया है.
दर्ज प्राथमिकी में मेजर अभिषेक ने बताया है कि मेजर मैथ्यू केटी को पिछले 22 व 23 फरवरी को मोबाइल फोन पर रेजिमेंट में कार्यरत हवलदार हरीश ने सेना बहाली लिखित परीक्षा का पेपर लीक करने के लिए मोटी रिश्वत देने की पेशकश की थी. इस पर मेजर ने हवलदार को पकड़कर सैन्य अधिकारी के हवाले कर दिया था. गिरफ्तार हवलदार हरीश ने टुनू का नाम बताया था.
पहले भी पकड़ा गया था बड़ा रैकेट : पूर्व में भी सेना बहाली करने में बड़ा रैकेट पकड़ा गया था जिसमें सेना के दो हवलदार का नाम आया था. पिछले साल सेना भर्ती कार्यालय में लिखित परीक्षा के पेपर लीक करने के मामले में शाहपुर पुलिस ने शिवाला मोड़ से छापेमारी कर मास्टरमाइंड मुन्ना सिंह, राहुल कुमार, नीतीश कुमार, विक्की व सतीश कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद जेल भेज दिया था.
सेटिंग का खेल पता लगाने में असफल रही पुलिस
पटना : सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान बिहार के कई परीक्षा केंद्रों पर लिखित परीक्षा के दौरान सेटिंग का खेल हुआ है. इस दौरान परीक्षार्थियों ने स्कॉलर की मदद से लिखित परीक्षा पास की. गर्दनीबाग स्टेडियम में जब ऐसे अभ्यर्थी शारीरिक जांच कराने के लिए पहुंचे, तो उंगलियों के निशान मैच नहीं कर पाने के कारण पकड़े गये. गर्दनीबाग थाने में फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने पकड़े गये परीक्षार्थियों को जेल भेज दिया.
अभी तक 150 से अधिक परीक्षार्थी जेल भेजे जा चुके हैं. लेकिन पुलिस इन परीक्षार्थियों से यह तक पता नहीं कर पायी कि आखिर उन लोगों ने किस तरह से स्कॉलर के माध्यम से परीक्षा पास की और उसके पीछे कौन से गिरोह का हाथ है.
पुलिस ने केस कर लिया और जेल भेज दिया, इसके बाद उन लोगों से पूछताछ करना भी मुनासिब नहीं समझा. अगर उन लोगों से पूछताछ की जाये तो ऐसे कई गिरोहों की जानकारी पुलिस को हो सकती है. पकड़े जाने वाले परीक्षार्थी बिहार के अलग-अलग जिलों के है. यानी कई जिलों में परीक्षा केंद्रों पर सेटिंग का खेल हुआ है.
पकड़े जाने के डर से दर्जनों परीक्षार्थी परीक्षा देने तक नहीं पहुंचे : लिखित परीक्षा के दौरान परीक्षा हॉल में परीक्षार्थियों के उंगलियों के निशान लिये गये थे.
उन्हें इस बात की आशा नहीं थी कि शारीरिक परीक्षा के दौरान भी उंगलियोंके
निशान लिये जायेंगे. मगर शारीरिक परीक्षा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है और उंगलियों के निशान का मिलाया जा रहा है. ऐसे में फर्जीवाड़ा करनेवाले पकड़े जा रहे हैं. ऐसे में पकड़े जाने के डर से लिखित परीक्षा में पास हुए कई परीक्षार्थी शारीरिक परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हो रहे हैं.
हर साल पकड़ाते हैं परीक्षार्थी, नहीं पकड़े जाते गिरोह के सदस्य : इस मामले में पटना पुलिस जांच सही ढंग से नहीं करती है. इसका नतीजा यह है कि सिपाही भर्ती के दौरान हर साल परीक्षार्थी तो पकड़े जाते हैं और वे जमानत लेकर छूट जाते हैं. लेकिन इसके पीछे कौन गिरोह काम कर रहा है, वह कभी सामने नहीं आता है. न ही गिरोह का कोई सदस्य पकड़ा जाता है.

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