नयी दिल्ली : पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बैठक में आम आदमी पार्टी विधायक द्वारा मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को तीस हजारी कोर्ट में कहा कि सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ की गयी है. कैमरे की टाइमिंग बदली गयी है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मीटिंग सीएम हाउस के ड्रॉइंग रूम में चल रही थी, कैंप ऑफिस में नहीं.
टाइम्स न्यूज नेटवर्क की खबर के अनुसार पुलिस ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि सीएम हाउस से जब्त किये गये सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग पीछे है और फरेंसिक लैब से उनकी जांच करवायी जायेगी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस के बयान के बाद दोनों पक्ष के वकीलों ने बहस की.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर 19 फरवरी को एक बैठक के दौरान आप विधायकों और अन्य लोगों ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित तौर पर हमला कर दिया था. आप सरकार पहले यह आरोप लगा चुकी है कि कुछ अधिकारी शहर के प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न करते हैं. मुख्य सचिव पर कथित हमले के बाद से ही अधिकारी मुख्यमंत्री और उसके मंत्रिमंडल कर्मियों की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. वे केजरीवाल से घटना पर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं.
पुलिस ने कभी नहीं कहा कि CCTV कैमरों के साथ छेड़छाड़ हुई है : ADCP
नॉर्थ दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह ने इस बात को खारिज किया कि दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के साथ छेड़छाड़ की बात कही है. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरे से छेड़छाड़ के बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. केवल फॉरेंसिक साइंस लैब में ही पता चल पायेगा कि कैमरों के साथ छेड़छाड़ हुई है या नहीं.
उन्होंने मीडिया को आगाह करते हुए कहा कि पुलिस के नाम पर किसी प्रकार का तथ्यात्मक रूप से गलत सूचना ना फैलाएं. उन्होंने कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने सूचना दी कि पुलिस ने कोर्ट में सीसीटीवी के साथ छेड़छाड़ की बात कही है, यह तथ्यात्मक रूप से गलत और गैरजिम्मेदाराना है. आज कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि पुलिस को यह बात साबित करनी चाहिए कि सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गयी है.
गौरतलब है कि 23 फरवरी को सीएम ऑफिस में पुलिस की छापेमारी के बाद 21 सीसीटीवी कैमरे और उसकी रिकॉर्डिंग्स जब्त की गयी थी. उस समय कुछ समाचार एजेंसियों ने एडीसीपी के हवाले से खबर दी थी कि सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग के साथ छेड़छाड़ हुई है.
आधिकारिक बैठकों की लाइव स्ट्रीमिंग पर विचार कर रही है दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री निवास में पिछले सप्ताह मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हुए कथित हमले के बाद अधिकारियों की सभी बैठकों की लाइव स्ट्रीमिंग करने पर विचार कर रही है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना के अनुसार बैठकों की लाइव फीड आवाज के साथ एक वेबसाइट पर मुहैया करायी जायेगी.
उन्होंने कहा कि योजना को पारित कर दिया गया है और आगामी बजट में इस संबंध में बजट भी आवंटित किया जायेगा. अधिकारी ने कहा, ‘आधिकारिक बैठकों की लाइव स्ट्रीमिंग से लोग ये जान पायेंगे कि बैठक में किसने क्या कहा, चाहे वे निर्वाचित प्रतिनिधि हो या अधिकारी.’
उन्होंने कहा कि फाइल के आवागमन और नोटिंग को भी ऑनलाइन करने की योजना है. अधिकारी ने कहा, ‘फाइल के आवागमन और नोटिंग को भी ऑनलाइन करने की योजना है ताकि लोग ये देख पाएं कि किसने कितनी देर तक फाइल पर काम किया, किसने उसे अनुमति दी और किसने किसी विशेष फाइल पर क्या लिखा, चाहे वे निर्वाचित सरकार हो या अधिकारी.’