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पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रमण्यन का निधन, पीएम मोदी ने जतायी संवेदना

नयी दिल्ली : पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रमण्यन का निधन हो गया. वे 79 साल के थे. वे एक अगस्त 1996 से 31 मार्च 1998 तक देश के कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर थे. उनके निधन पर आइएसएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर दुख जताया है और उनके परिवार के प्रति सांत्वना प्रकट की है. आइएएस […]

नयी दिल्ली : पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रमण्यन का निधन हो गया. वे 79 साल के थे. वे एक अगस्त 1996 से 31 मार्च 1998 तक देश के कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर थे. उनके निधन पर आइएसएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर दुख जताया है और उनके परिवार के प्रति सांत्वना प्रकट की है. आइएएस एसोसिएशन ने अपने ट्वीट में कहा है कि उनके आइडिया व विचार हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. आइएएस एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि उनके निधन की सूचना गहरा आघात देने वाली है. वे आइएएस बिरादरी में सबसे वरिष्ठ थे और उनका निधन हमलोगों व देश के लिए बड़ा नुकसान है.

आइएएस संघ ने बताया है कि उनका अंतिम संस्कार शाम साढ़े पांच बजे यहां लोधी रोड शमशान घाट पर किया जाएगा. सुब्रमणियन एक अगस्त 1996 से 31 मार्च 1998 तक कैबिनेट सचिव रहे. उनकी मौत के कारणों और अन्य जानकारियों का अभी पता नहीं चल सका है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह और अन्य आइएएस अधिकारियों ने उनकी मौत पर शोक जताया है.

सीतारमण ने कहा, “पूर्व कैबिनेट सचिव टीएस आर सुब्रमणियन नहीं रहे. खबर सुनकर दुख हुआ. वह बहुत मिलनसार थे, विचारों से परिपूर्ण और ऊर्जावान थे. टीवी चैनलों की कई चर्चाओं में उनके साथ विचार साझा किए थे. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार व बिरादरी के लोगों के साथ हैं.” जितेंद्र सिंह ने कहा ‘‘पूर्व कैबिनेट सचिव सुब्रमणियन के निधन की खबर से दुख हुआ. उनके परिवार तथा पूरे आइएएस समुदाय के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. ‘ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में सचिव अनिल स्वरूप ने ट्विटर पर लिखा ‘‘सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों में से एक, सुब्रमणियन नहीं रहे. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.’प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने भी उनके निधन पर शोक संवेदनाप्रकट की है और एक नौकरशाह के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्यों को याद किया है.

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ टीएस आर सुब्रमण्यम ने एक उत्कृष्ट लोक सेवक के रूप में अपनी अलग पहचान बनायी. उन्होंने लोकहित से जुड़े विषयों पर अपनी लेखनी और अभिव्यक्ति के माध्यम से गहरी छाप छोड़ी.”

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