लखनऊ : मेरठ में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) राष्ट्रीय स्तर का महासमागम का आयोजन किया गया. इस महासम्मेलन में देशभर से स्वयंसेवकों का जमावड़ा लगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि महासमागम में 3 लाख से अधिक की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए.
महासम्मेलन में आरएसएस पमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों में नयी ऊर्जा और जोश भरा. सरसंघ चालक ने कहा, समाज के उत्थान के लिए और उसके विकास के लिए सभी समुदाय के लोगों को आरएसएस से जुड़ने की जरूरत है. उन्होंने कट्टर हिन्दुत्व की परिभाषा करते हुए कहा, कट्टर हिन्दुत्व का अर्थ कट्टर सत्य निष्ठा और कट्टर अहिंसा का पालन करने वाला. भागवत ने कहा, भारत ने समय-समय पर विश्व को धर्म दिया है. हमारा देश एक है क्योंकि हमारे यहां वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र से लोग चलते हैं.
मोहन भागवत ने कहा, संपूर्ण दुनिया अपने प्रकार से प्रयोग करके थक चुकी, सुविधाएं प्राप्त हुई, लेकिन सुख-शांति नहीं मिली. दुनिया का कलह मिटा नहीं, दुख दूर हुआ नहीं. दुनिया में हिंसा वैसे ही चल रही है. इसलिए विश्व ऐसा सोचता है कि भारत के पास ऐसा रास्ता है जो सबको सुख दे सकता है. आज संपूर्ण विश्व को एक सूत्र में बांधने वाले धर्म की जरुरत है.
उन्होंने कहा इस कार्यक्रम का नाम राष्ट्रोदय रखा गया है. कई राष्ट्रों के उदय होते रहे हैं. प्रत्येक राष्ट्र का एक प्रयोजन होता है. उसी प्रयोजन को लेकर राष्ट्र का उदय होता है. हमारे देश का प्रयोजन विश्व को रोम अस्तित्व में आया शक्ति के आदर्श के लिए. लेकिन हमारे राष्ट्र का प्रयोजन ऐसा है जिससे जीवन चलता है वह धर्म देना. इसलिए हमारा राष्ट्र अमर है. उसका प्रयोजन खत्म नहीं होता है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि आरएसएस की स्थापना के बाद से यह सबसे बड़ा सम्मेलन है. इस सम्मेलन का नाम राष्ट्रोदय दिया गया है. इससे पहले 2010 में केरल के कोल्लम में महासम्मेलन किया गया था, जिसमें लगभग 92 हजार स्वयंसेवक शामिल हुए थे. आरएसएस के इस महासम्मेलन में भाग लेने के लिए गाड़ियों से स्वयंसेवक सभा स्थल पहुंच रहे हैं. बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों के शामिल होने से पूरा मेरठ केसरिया ध्वज से पट गया है.
* सम्मेलन में 2019 लोकसभा चुनाव पर हो सकती है चर्चा
ऐसा माना जा रहा है कि आरएसएस के मेरठ महासम्मेलन में चर्चा का प्रमुख मुद्दा 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी होगी. गौरतलब हो कि महासम्मेलन से पहले मोहन भागवत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट किया था. मीडिया में ऐसी भी खबर है कि मोहन भागवत ने योगी से उनके कार्यकाल का रिपोर्ट भी मांगा.