ग्राम विकास समिति के औचित्य पर उठाये सवाल
धनबाद. राज्य सरकार ग्राम विकास समिति नहीं, बल्कि भाजपा विकास समिति बना रही है. इस समिति में भाजपा के कार्यकर्ता होंगे. जिला परिषद, पंचायत समिति और मुखिया का विकास फंड काट कर इन लोगों को दिया जायेगा, जो 2019 के चुनाव में उन पैसों से चुनाव जीतने की कोशिश करेंगे. ये बातें शुक्रवार को धनबाद परिसदन में आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंचायत प्रतिनिधियों ने कहीं. आयोजन जिला परिषद, पंचायत समिति और मुखिया संघ ने किया था. सदस्यों ने कहा कि ग्राम विकास समिति बनने के बाद गांवों में भाईचारा व प्रेम खत्म हो जायेगा.
सरकार विकास का फंड समिति के मनोनीत सदस्यों को देगी और वह काम करके यह साबित करेंगे कि यह भाजपा करवा रही है, न कि उनके गांव के जीते हुए प्रतिनिधि. कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद गांव की सरकार का गठन हुआ, लेकिन अब सरकार ग्राम विकास समिति का गठन कर पंचायतीराज के ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है. प्रेस वार्ता में जिप सदस्य अशोक सिंह, जिप उपाध्यक्ष हसीना खातून के पति मन्नू आलम, पंचायत समिति सदस्य अयूब अंसारी, गोविंदपुर प्रखंड प्रमुख झूना मंडल, मुखिया मोबिन अंसारी सहित कई मौजूद थे.
पारा शिक्षकों को कहीं का नहीं छोड़ा : पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार पारा शिक्षकों का वेतन रोक उन्हें मौत के कगार पर ला खड़ा की है. पारा शिक्षक अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, मगर सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही.
बताया कि धनबाद जिले के सभी पारा शिक्षक शनिवार को गोल्फ ग्राउंड से अपने परिवार के साथ प्रदर्शन करते हुए रणधीर वर्मा चौक तक जायेंगे. कहा कि सरकार 30 बच्चों से कम संख्या वाले स्कूल का विलय दूसरे स्कूल में कर रही है. इससे शिक्षा पर असर पड़ेगा.