नयी दिल्ली : ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने वर्ष 2017 के लिए दुनियाभर के देशों का करप्शन इंडेक्स जारी किया है. इंडेक्स में भारत दो पायदान फिसलकर 183 देशों में 81वें स्थान पर जा पहुंचा है. यहां आपको बता दें कि 2016 में भारत 79वें स्थान पर था. रैंकिंग के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 0 प्वाइंट यानी सबसे ज्यादा भ्रष्ट से 100 प्वाइंट यानी करप्शन एकदम नहीं के स्केल का उपयोग किया है. इस तरह 183 देशों में सरकारी संगठनों और कंपनियों में करप्शन की जानकारी एकत्रित की है.
इस इंडेक्स में यदि भारत की बात करें तो इस बार भी 2016 के बराबर 40 प्वाइंट प्राप्त हुए हैं. यहां आपको यह जानना जरूरी है कि जिस देश का जितना ज्यादा स्कोर होता है वह उतना कम करप्ट माना जाता है. बर्लिन स्थित यह एंटी करप्शन निरोधी आर्गनाइजेशन वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और दूसरे ऑर्गनाइजेशन के डाटा के आधार पर दुनियाभर के सरकारी महकमो में करप्शन का विश्लेषण करता है.
ट्रांसपेरेंसी ने भारत को इंडो-पेसिफिक रीजन में करप्शन और प्रेस की आजादी के लिहाज से सबसे कमजोर देशों में शामिल करने का भी काम किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलीपींस, भारत और मालदीव जैसे देशों में न सिर्फ करप्शन, बल्कि पत्रकार की हत्या के मामले भी ज्यादा हैं. रिपोर्ट की मानें तो, बीते छह साल में 10 पत्रकारों में से 9 उन देशों में मारे गये हैं, जिन्हें करप्शन इंडेक्स में 45 या इससे कम नंबर प्राप्त हुए हैं. ऐसे देशों की संख्या दो तिहाई से ज्यादा है.
सबसे कम और ज्यादा करप्ट देश
सबसे कम करप्ट देश की बात करें तो उनमें ये पांच शामिल हैं… न्यूजीलैंड (स्कोर-89,रैंक-1) , डेनमार्क (स्कोर-88,रैंक-2) , फिनलैंड(स्कोर-85,रैंक-3) ,नॉर्वे (स्कोर-85,रैंक-4) , स्विट्जरलैंड (स्कोर-85,रैंक-5). अब बात सबसे करप्ट देश की. सोमालिया (स्कोर-9,रैंक-183), साउथ सूडान (स्कोर-12,रैंक-182), सीरिया(स्कोर-14,रैंक-181), अफगानिस्तान (स्कोर-15,रैंक-180), यमन (स्कोर-16,रैंक-179).
भारत और उसके पड़ोसी देश
अब बात भारत और उसके पड़ोसी देश की. भूटान (स्कोर-26,रैंक-67) , चीन (स्कोर-41,रैंक-77) , भारत (स्कोर-40,रैंक-81) , श्रीलंका (स्कोर-38,रैंक-91) , पाकिस्तान (स्कोर-31,रैंक-177) , नेपाल (स्कोर-31,रैंक-122) , बांग्लादेश (स्कोर-28,रैंक-143).