नेशनल कंटेंट सेल
पंजाब नेशनल बैंक और रोटोमैक धोखाधड़ी से सरकार को सात दिनों में 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. क्षति की वजह पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकारी निवेश की वैल्यू घटने से है. प्राइम डेटाबेस के अनुसार 13 फरवरी को पीएनबी में धोखाधड़ी की खबर आने के बाद सरकार, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को बैंकिंग सेक्टर में 44,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. सार्वजनिक बैंकों में सरकार की संपत्ति 10 फीसदी नुकसान के बाद 2.9 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2.6 लाख करोड़ हो गयी है. इंश्योरेंस इंडस्ट्री की 40 से अधिक बैंकों में पांच से 15 फीसदी हिस्सेदारी है. इसकी संपत्ति छह फीसदी नुकसान के साथ 1.14 लाख करोड़ रह गयी है. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का बैंकिंग पोर्टफोलियो चार फीसदी सिकुड़ गयी. अकेले पीएनबी में सरकार की 57 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. इसके शेयरों में आयी गिरावट से संपत्ति 28 फीसदी कम हो गयी है. गौरतलब है कि अरबपति जौहरी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पीएनबी को 11,500 करोड़ का चूना लगाने से पीएनबी के शेयरों में भारी गिरावट आयी थी.
मेरीटाइम ब्यूरो से कंपनियों की मिलेगी कुंडली
कारोबार को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और फिर इसके आधार पर बैंक से मोटी रकम की गारंटी या कर्ज लेना अब आसान नहीं होगा. सीएनबीसी-आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पीएनबी धोखाधड़ी के बाद नियम सख्त किये जा रहे हैं. कर्ज के लिए अब कारोबारी दस्तावेजों की गहन छानबीन होगी. इंटरनेशनल मेरीटाइम ब्यूरो का इस्तेमाल बढ़ाया जायेगा. बता दें कि ब्यूरो दुनिया भर की एक्सपोर्ट-इंपोर्ट की जानकारी देता है. इस के साथ ही माल ढुलाई के आंकड़े का दूसरे बिल से मिलान होगा. बड़े लोन में अलर्ट की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी. ब्रांच प्रमुख के पास दिन भर का स्विफ्ट मैसेज यानि सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलिकम्युनिकेशन रहेगा. स्विफ्ट मैसेज वेरिफिकेशन की व्यवस्था बदली जायेगी. अर्ली वार्निंग सिग्नल को भी मजबूत किया जायेगा. रेड फ्लैग पर तुरंत कार्रवाई की व्यवस्था होगी. बड़े लोन की कम अंतराल पर समीक्षा की जायेगी.
पीएनबी ने कहा
हम आपको आश्वस्त करते हैं कि आपके इस बैंक में कारोबार सामान्य है. आश्वस्त रहें हमारे पास मजबूत सरकारी समर्थन है. बैंक की मुख्य ताकत 123 साल के अनुभववाली ब्रांड इमेज, कसा आधार और स्थिर आस्ति गुणवत्ता है.
बीओआइ ने बताया
रोटोमैक ग्रुप की कंपनियों को हमने कर्ज दिया था जो वित्त वर्ष 2015-16 में ही एनपीए में बदल गया. बैंक ने इसके लिए 100 प्रतिशत प्रावधान पहले ही कर दिया है. बैंक ने शेयर बाजारों को यह सूचना दी. हालांकि खुलासा नहीं किया है कि उसने कितना कर्ज दिया है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.