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बाल विवाह के लिए गांव से स्कूल की दूरी भी जिम्मेदार

रांची :‘जेंडर बायसनेस’ खत्म करने के लिए काम करने वाली गैरसरकारी संस्था ‘ब्रेकथ्रू’ ने बाल विवाह रोकने के लिए अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत संस्था झारखंड और बिहार के रांची, हजारीबाग और गया जिले में बाल विवाह रोकने के लिए काम कर रही है. ‘ब्रेकथ्रू’ (झारखंड-बिहार) के हेड आलोक भारती ने बताया […]

रांची :‘जेंडर बायसनेस’ खत्म करने के लिए काम करने वाली गैरसरकारी संस्था ‘ब्रेकथ्रू’ ने बाल विवाह रोकने के लिए अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत संस्था झारखंड और बिहार के रांची, हजारीबाग और गया जिले में बाल विवाह रोकने के लिए काम कर रही है.

‘ब्रेकथ्रू’ (झारखंड-बिहार) के हेड आलोक भारती ने बताया कि हम बाल विवाह रोकने के लिए प्रयासरत हैं और संस्था विभिन्न मोरचों पर काम कर रही है. बाल विवाह को लेकर हमारे समाज में जो सोच है वह एक दिन में बनी हुई नहीं है, पूरा समाज उसके प्रति एक नजरिया रखता है उसे बदलने में थोड़ा वक्त लगेगा. साथ ही हमें यह ध्यान देना भी जरूरी है कि बाल विवाह के लिए कौन- कौन से कारक जिम्मेदार हैं.

हम अपने अभियान में उन सभी कारणों को खोज कर उन्हें मिटाने और चिह्नित करने का काम कर रहे हैं. इसके लिए संस्था की ओर से ‘तारों की टोली, किशोरी मंच, किसान क्लब जैसे ग्रुप को विकसित किया गया है और उनके जरिये संस्था अपनी बातें लोगों के बीच पहुंचा रहा है.

संस्था से जुड़े विनीत त्रिपाठी ने बताया कि कई ऐसे मसले हैं जिनपर काम किया जाना है.

मसलन महिला शिक्षा को बढ़ावा देना, कुपोषण की समस्या को कम करना, महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना इत्यादि. इन्होंने बताया कि समाज में अगर गांव से स्कूल दूर स्थित है तो वह भी एक कारण बनता है बाल विवाह का. यौन उत्पीड़न भी बाल विवाह का कारण बनता है, इसलिए जरूरी है कि इन समस्याओं का निदान हो और संस्था इस काम में जुटी है. झारखंड और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं, जहां बाल विवाह कि घटनाएं सबसे अधिक दिखने को मिलती है.

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