मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी एयरसेल का वजूद खत्म होता दिख रहा है और इसे दिवालिया घोषित करने की कवायद की जा रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) जल्द ही कंपनी को दिवालिया घोषित कर सकता है. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में जियो की लांचिंग के बाद से ही एयरसेल को नुकसान होना शुरू हो गया और अब हालात इतने बिगड़ गये हैं.इस सब के बीच कंपनी के ग्राहक परेशान हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, एयरसेल के नंबर को पोर्ट करने में दिक्कत हो रही है. इसका कारण एक साथ बहुत पोर्टिंग रिक्वेस्ट आना बताया जा रहा है, जिससे कंपनियों को नंबर पोर्ट करने में परेशानी हो रही है. बिहार-झारखंड में सोमवार से मोबाइल के नेटवर्क आैर डेटा सर्विस में भी दिक्कत आ रही है.
MAXIS ने मदद से खींच लिये हाथ
यहां यह जानना गौरतलब है कि मलेशिया की कंपनी मैक्सिस ने कुछ समय पहले एयरसेल को आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन अब इस कंपनी ने भी अपने कदम पीछे खींच लिये हैं. कंपनी के ऊपर 15,500 करोड़ रुपये काकर्ज है. करदाताओं ने कंपनी से पैसे मांगने शुरू कर दिये हैं, लेकिन कंपनी के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं. एयरसेल सितंबर के महीने से कर्जदाताओं से इस मामले में बातचीत कर रही है, लेकिन कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है.
बंद होगा कर्मचारियों का वेतन
अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, कंपनी ने अपना बोर्ड भंग करते हुए एनसीएलटी के सामने दिवालिया घोषित किये जाने कीअर्जी दाखिल कर दी है. बताया जाता है कि कंपनी के पास अब बिजनेस को चालू रखने के लिए पैसे नहीं हैं. कहा यह भी जा रहा है कि इस हफ्ते केअंत तक कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन देना भी बंद कर देगी. वहीं, अगर कंपनी दिवालिया घोषित कर दी जाती है तो लगभग 5000 कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे.
कर्जदाताओं के ग्रुप का नेतृत्व कर रहा SBI
बताते चलें कि करदाताओं के समूहों का नेतृत्व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कर रहा है. इस मामले में बैंक ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.वहीं, इस मामले में एयरसेल ने भी आधिकारिक तौर पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है.
इन्हें होगा नुकसान
एयरसेल के ऊपर आये इस संकट से इसके यूजर्स तो प्रभावित होंगे ही, जिनके सिम कार्ड जल्द ही रद्दी हो जायेंगे. लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान इस कंपनी के लगभग 5000 कर्मचारियों को होगा.इसके साथ ही टावर ऑपरेटर्स जीटीएल इन्फ्रा, भारती इन्फ्राटेल, इंडस टावर और एटीसी को भी नुकसान होगा. इनके अलावा, एरिक्सन, नोकिया और जेडटीई जैसे नेटवर्क मैनेजमेंट वेंडर्स को भी एयरसेल के दिवालिया घोषित किये जाने से काफी प्रभाव पड़ेगा.
अब मार्केट में बचे सिर्फ ये खिलाड़ी
एयरसेलके दिवालिया घोषित होने के बाद कंपनी के तौर पर उसका वजूद खत्म हो जायेगा. इसके बाद बाजार में जियो, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया ही बाकी रह जायेंगे. इनके अलावा, दो सरकारी कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल होंगी. वहीं, आइडिया-वोडाफोन का मर्जर पूरा होने पर टेलीकॉम मार्केट में सिर्फ तीन खिलाड़ी रह जायेंगे.
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