नयी दिल्ली : लव जिहाद की कथित पीड़ित केरल की एक महिला ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने इस्लाम धर्म को स्वेच्छा से अपनाया है और वह मुस्लिम ही बने रहना चाहती है. शीर्ष न्यायालय में पेश हलफनामे में 25 वर्षीय हदिया ने कहा कि उसने शफिन जहां से अपनी इच्छा से शादी की. उसने अदालत से ‘‘जहां की पत्नी के तौर पर रहने’ की इजाजत मांगी. हदिया ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसके पति को आतंकी बताया है लेकिन यह गलत है. उसके पति का आतंकी समूह आईएसआईएस से कोई लेना देना नहीं है. यह मामला तब सामने आया जब केरल उच्च न्यायालय ने हदिया के साथ जहां के विवाह को रद्द करते हुए हदिया को उनके माता-पिता की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया.
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लव-जिहाद : हदिया ने कहा – स्वेच्छा से बनी मुस्लिम, पति के साथ रहना चाहती हूं
नयी दिल्ली : लव जिहाद की कथित पीड़ित केरल की एक महिला ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने इस्लाम धर्म को स्वेच्छा से अपनाया है और वह मुस्लिम ही बने रहना चाहती है. शीर्ष न्यायालय में पेश हलफनामे में 25 वर्षीय हदिया ने कहा कि उसने शफिन जहां से अपनी इच्छा से शादी की. […]
इस आदेश को जहां ने चुनौती दी. पिछले वर्ष 27 नवंबर को शीर्ष अदालत ने हदिया को उसके माता-पिता की कस्टडी से रिहा किया और पढ़ाई पूरी करने के लिए उसे कॉलेज भेजा. हालांकि हदिया ने अपने पति के साथ जाने की इजाजत की मांग की थी. हदिया ने 25 पन्नों के हलफनामे में कहा, ‘‘ मैं ससम्मान यह कहना चाहती हूं कि मैं मुस्लिम हूं और मुस्लिम के तौर पर ही रहना चाहती हूं। ‘ इसमें उसने कहा , ‘‘ शफीन जहां मेरे पति हैं और मैं उनकी पत्नी बनकर रहना चाहती हूं. मैंने इस्लाम को अपनाया है अपनी इच्छा से उनसे शादी की है.’ उसने केरल उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने की भी मांग की. इसके अलावा शीर्ष अदालत से अपने पति को अपना गार्जियन बनाने का अनुरोध किया.
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