19.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

असम नागरिक रजिस्टर : सुप्रीम कोर्ट का अंतिम रजिस्टर के प्रकाशन की अवधि बढ़ाने से इनकार

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर प्रकाशन करने की समय सीमा बढ़ाने से मंगलवारको इनकार कर दिया और सरकार को निर्देश दिया कि यह काम 31 मई तक पूरा किया जाये. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य में करीब एक करोड़ नागरिकों के सत्यापन का काम किसी भी प्रकार […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम में अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर प्रकाशन करने की समय सीमा बढ़ाने से मंगलवारको इनकार कर दिया और सरकार को निर्देश दिया कि यह काम 31 मई तक पूरा किया जाये. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य में करीब एक करोड़ नागरिकों के सत्यापन का काम किसी भी प्रकार की दखलंदाजी के बगैर ही जारी रहना चाहिए.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आरएम नरिमन की पीठ ने कहा कि वह 30 दिन बाद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के काम की प्रगति की समीक्षा करेगा. अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जब यह कहा कि व्यावहारिक रूप से इस काम को 31 मई तक पूरा करना संभव नहीं है, तो पीठ ने कहा कि उसका काम ही असंभव को संभव बनाना है. ‘पीठ ने कहा, ‘अटाॅर्नी जनरल जी जिसे हर व्यक्ति एक बड़ा मजाक समझ रहा था, वह हकीकत में बदल गया है. हमारा काम ही असंभव को संभव बनाना है और हम ऐसा करेंगे. हम इसकी चार साल से निगरानी कर रहे हैं और हम यह जानते हैं.’

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि असम में होनेवाले पंचायल और स्थानीय निकायों के मार्च और अप्रैल महीने मे होनेवाले चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार करायेगी. पीठ ने कहा, ‘असम में पंचायत और स्थानीय निकायों के चुनाव राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की तैयारियों की कीमत पर नहीं होंगे और रजिस्टर का काम पहले की तरह ही चलता रहेगा.’ शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार इन चुनावों को कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेंगे. पीठ ने रजिस्टर तैयार करने के काम में अतिरिक्त राज्य संयोजक नियुक्त करने का अनुरोध भी अस्वीकार कर दिया और कहा कि वर्तमान संयोजक प्रतीक हजेला इसके अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने तक काम करते रहेंगे.

पीठ इस मामले में अब 27 मार्च को आगे सुनवाई करेगी. इससे पहले, असम के लिए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का पहला मसौदा शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार पिछले साल दिसंबर में प्रकाशित हुआ था. न्यायालय ने कहा था कि 31 दिसंबर को प्रकाशित इस मसौदे में जिन व्यक्तियों के नाम नहीं है, उनके दावों की छानबीन की जायेगी और यदि वे सही पाये गये तो उन्हें बाद में शामिल किया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें