पटना : दो दर्जन से ज्यादा सरकारी विभागों के 16 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये विभिन्न बैंक खातों में पूरी तरह से निष्क्रिये तौर पर पड़े हुए हैं. कुछ खातों में तो सालों से ये रुपये पड़े हुए हैं. इनका तो विभाग के पास सही हिसाब तक नहीं है कि किस मद या एकाउंट से संबंधित ये रुपये हैं. इन्हें जमा करने के लिए कई बार वित्त विभाग ने सभी विभागों को आदेश जारी किया था, लेकिन इसका बहुत फायदा सामने नहीं आया. इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को मुख्य सचिवालय में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में वित्त विभाग समेत कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ एक विशेष समीक्षा बैठक की गयी.
इस दौरान यह बात सामने आयी कि सभी विभागों ने 16 हजार करोड़ में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये ही सरकारी खजाने में जमा कराये हैं. शेष रुपये अभी भी कई विभागों के बैंक खातों में पड़े हुए हैं, जिनका कहीं कोई हिसाब तक विभागों ने नहीं दिया है. रुपयों को सरेंडर करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी रखी गयी थी, लेकिन अब भी डेढ़ दर्जन से ज्यादा विभागों ने कोई हिसाब तक नहीं दिया है.
सीएस ने कहा, फिर से सख्त निर्देश जारी करें
सीएस ने वित्त विभाग से कहा कि वे सभी विभागों को इस मामले को लेकर फिर से सख्त निर्देश जारी करें.सभी विभागों को कहा गया है कि वे अपने-अपने यहां के बैंक खातों में जमा रुपये को लेकर एक ‘स्व-घोषणा पत्र’ जमा करें. इसमें यह कहा गया हो कि जो रुपये उनके बैंक खातों में जमा है, वह किस योजना के लिए रखे गये हैं. उनका उपयोग आने वाले समय में वह क्या और कैसे करेंगे. किन महत्वपूर्ण कारणों से उन्हें इन रुपयों की जरूरत है और हर हाल में इन सभी रुपयों को 31 मार्च यानी चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक खर्च कर देंगे.
अगर किसी कारण से वे रुपये खर्च नहीं कर पाये, तो इसे सरकारी खजाने में सरेंडर कर देंगे. वित्त विभाग ने कहा है कि जो विभाग रुपये खर्च नहीं करेंगे, उन्हें हर हाल में इसे जमा करना पड़ेगा. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जायेगी.