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पैडस् की समस्या
महिलाओं को होनेवाली स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए पीरियड्स के वक्त सैनिटरी पैड के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है यह सही है. परंतु इस्तेमाल के बाद इनको सही तरीके से नष्ट न किया जाये, तो ये हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं. इस्तेमाल के बाद सही तरीके से नष्ट करना बड़ी समस्या है. […]
महिलाओं को होनेवाली स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए पीरियड्स के वक्त सैनिटरी पैड के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है यह सही है. परंतु इस्तेमाल के बाद इनको सही तरीके से नष्ट न किया जाये, तो ये हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं. इस्तेमाल के बाद सही तरीके से नष्ट करना बड़ी समस्या है. ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं एवं लड़कियां अब पैड्स का इस्तेमाल तो करती हैं, परंतु जानकारी की कमी व सही व्यवस्था न होने के कारण वे इस्तेमाल के बाद पैड्स को नष्ट नहीं करती हैं और नदियों या नालियों अन्य कूड़े के साथ में डाल देती हैं जिससे प्रदूषण होता है.
बहुत से स्कूल कॉलेजों में भी यह एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण बहुत सी लड़कियों का स्कूल छूटता है. आज भी हमारे देश में 24 प्रतिशत लड़कियां स्कूल बीच में छोड़ देती है. लंबी यात्राओं के दौरान ट्रेन, बसों में भी इनका निपटारा सही तरीके से करने की व्यवस्था होनी चाहिए.
शिल्पा कुमारी, चक्रधरपुर
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