सिफारिश. मुख्यमंत्री की अनुमति का इंतजार
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कोलकाता : गिरा दिया जायेगा पोस्ता फ्लाइओवर
सिफारिश. मुख्यमंत्री की अनुमति का इंतजार अगले हफ्ते राज्य सरकार को सौंपी जायेगी रिपोर्ट कोलकाता : बड़ाबाजार के विवेकानंद रोड फ्लाईओवर को तोड़ना ही विकल्प बचा है. विशेषज्ञ कमेटी ने बताया है कि फ्लाइओवर की बुनियाद में ही दोष है. इसलिए इसे तोड़ देना ही बेहतर है. यह सिफारिश पोस्ता फ्लाइओवर की जांच के लिए […]
अगले हफ्ते राज्य सरकार को सौंपी जायेगी रिपोर्ट
कोलकाता : बड़ाबाजार के विवेकानंद रोड फ्लाईओवर को तोड़ना ही विकल्प बचा है. विशेषज्ञ कमेटी ने बताया है कि फ्लाइओवर की बुनियाद में ही दोष है. इसलिए इसे तोड़ देना ही बेहतर है. यह सिफारिश पोस्ता फ्लाइओवर की जांच के लिए बनायी गयी विशेषज्ञ कमेटी ने की है. कमेटी अगले हफ्ते अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. मुख्यमंत्री की अनुमति मिलते ही फ्लाइओवर को तोड़ने का काम शुरू होगा. गौरतलब है कि 31 मार्च 2016 को पोस्ता फ्लाइओवर का एक हिस्सा गिरने से 26 लोगों की मौत हो गयी थी. उसी समय फ्लाइओवर का काम रोक दिया गया. तब से फ्लाइओवर जस की तस पड़ा हुआ है.
राज्य सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक, फ्लाइओवर के निर्माण पर अब तक 200 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. अब इसे तोड़ने में भी कई करोड़ रुपये लगेंगे. लेकिन इस खर्च की परवाह किये बिना भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना न हो इसे लेकर राज्य सरकार फ्लाइओवर तोड़ने के पक्ष में है. इसे तोड़ने के लिए भी विशेषज्ञ कंपनी की मदद ली जायेगी. पूरी प्रक्रिया की देखरेख लोक निर्माण विभाग करेगा. राज्य सरकार की ओर से निविदा जारी की जायेगी. जानकारी के अनुसार, फ्लाइओवर तोड़ने के दौरान प्रदूषण अधिक बढ़ेगा, लिहाजा आसपास की इमारतों को प्लास्टिक कवर से ढकने की बात कही जा रही है. इसे तोड़ने के दौरान फ्लाइओवर के दोनों किनारे को टिन की शेड से घेर दिया जायेगा.
फ्लाइओवर को तोड़ना ही बेहतर: कमेटी
गौरतलब है कि 31 मार्च 2016 की सुबह गणेश टॉकीज के पास विवेकानंद फ्लाइओवर का एक हिस्सा ढह गया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद फ्लाइओवर के भविष्य को लेकर विशेषज्ञ समिति गठित की गयी. तत्कालीन मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी व आइआइटी खड़गपुर के तीन प्रोफेसरों के नेतृत्व में गठित कमेटी ने फ्लाइओवर पर यातायात को खतरनाक करार दिया. कमेटी की ओर से सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा गया कि फ्लाइओवर के लिए नक्शा व अन्य कामों में काफी खामियां रह गयी थीं. इसके निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्र्री का इस्तेमाल किया गया. ऐसे में यदि फ्लाइओवर को फिर से बनाने का काम किया जाता है अथवा इस पर गाड़ियों का आवागमन होता है तो भविष्य में बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता.
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