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Valentine Week में बेवफाई : प्रेमी ने दी किडनी, लड़की का शादी से इनकार

लोग अपने प्यार को पाने के लिए क्या नहीं करते. बड़ी से बड़ी हर तकलीफों को हंसते-हंसते झेल जाते हैं. कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने जीवन की भी परवाह नहीं करते. ऐसे ही कुछ लोगों में शामिल हैं- सिमोन लुइस. मौत से जूझ रही अपनी प्रेमिका मेरी को बचाने के लिए सिमोन ने […]

लोग अपने प्यार को पाने के लिए क्या नहीं करते. बड़ी से बड़ी हर तकलीफों को हंसते-हंसते झेल जाते हैं. कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने जीवन की भी परवाह नहीं करते. ऐसे ही कुछ लोगों में शामिल हैं- सिमोन लुइस. मौत से जूझ रही अपनी प्रेमिका मेरी को बचाने के लिए सिमोन ने बिना कुछ सोचे-समझे अपनी किडनी मेरी को दान दे दी. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जब लड़की ठीक होकर अपने घर वापस आयी तो सिमोन ने उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा जिसे मेरी ने ठुकरा दिया. लंदन के रहनेवाले सिमोन लुइस एक नाइट क्लब में मेरी इमानुएल से 1990 में मिले थे. उस समय सिमोन महज 28 साल के थे और मेरी सिर्फ 20 वर्ष की. अन्य सभी जोड़ों की तरह दोनों की पहले दोस्ती हुई जो बाद में प्यार में बदल गयी.

पर किसी कारणवश दोनों की शादी नहीं हुई. सितंबर, 2014 में मेरी, जो तब तक 37 साल की हो चुकी थी, एक दिन अचानक बेहोश होकर जोर से जमीन पर गिर पड़ी. उसका शरीर पीला पड़ चुका था और उसे उल्टी हो रही थी. सिमोन ने उसे दक्षिण लंदन के एक अस्पताल में भरती कराया. उसे ब्रेन हैमरेज हो गया था और वह कोमा में चली गयी. पूरे दो महीने तक मेरी कोमा में रही और इस दौरान सिमोन पूरी तरह से उसकी देखभाल में लगे रहे. कुछ दिन बाद हुए जांच में यह साफ हुआ कि मेरी किडनी को किडनी की बीमारी है और वह बीमारी के अंतिम चरण में है, जहां से उसका बचना मुश्किल है. जनवरी, 2015 में मेरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. घर में प्रतिदिन उसका किडनी डायलिसिस किया जाता. उसे बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प था.

लेकिन, कहते हैं न कि पहाड़ भी टूटता है तो सभी एक साथ. कुछ ऐसा ही हुआ सिमोन के साथ. मेरी का ब्लड ग्रुप बी निगेटिव ब्लड ग्रुप निकला. यह ब्लड ग्रुप दुनिया में मात्र दो प्रतिशत लोगों में ही पाया जाता है. अब, सिमोन के सामने यह समस्या थी कि वह किस तरह से ऐसे आदमी की तलाश करे. एक दिन अस्पताल में सिमोन ने अपना ब्लड टेस्ट कराया. ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उसकी सारी समस्याएं हल हो गयी थीं. दरअसल, सिमोन को ब्लड ग्रुप भी जांच में बह निगेटिव पाया गया. अब, उसने मेरी को बिना सोचे समझे अपनी किडनी देने का निश्चय कर लिया.

एक महीने के बाद दोनों ठीक हो गये और घर वापस आ गये. एक रात सिमोन ने हिम्मत जुटाकर मेरी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा, जिसे मेरी ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह इसके बारे सोचेगी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि हम सिर्फ दोस्त हैं. सिमोन को मेरी के लिए किये गये अपने अहसानों का जरा भी मलाल नहीं है. वह कहते हैं कि यह तो उन्होंने अपनी खुशी के लिए किया.

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