लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता सदन योगी आदित्यनाथ द्वारा समाजवाद और समाजवादी पार्टी (सपा) को लेकर एक कार्यक्रम में दियेगये बयान को लेकर सपा सदस्यों ने आज विधानसभा में जमकर हंगामा किया. सपा नेताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री का बयान निंदनीय है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी. उधर, सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि यह बयान सदन में नहीं दिया गया है.
सपा समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को लेकर हंगामा कर रही थी. जबकि अखबारों का सदन में संज्ञान नहीं लिया जाता, लेकिन सपा सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसान के सामने ही धरने पर बैठ गये. प्रश्नकाल समाप्त होते ही नेता प्रतिपक्ष सपा के राम गोविंद चौधरी ने कहा कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा था कि समाजवादी विचारधारा आतंकवादी, भ्रष्टाचारी और वंशवाद की पोषक है.
चौधरी ने कहा कि यदि इस तरह का बयान कोई जिम्मेदार नेता दे तो यह निंदनीय है. उन्होंने कई समाजवादी नेताओं के नाम गिनाते हुए कहा कि संविधान में भी समाजवादी की चर्चा की गयी है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा है, उसके लिए वह माफी मांगे. इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी का बचाव करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के पास गलत सूचनाओं का जखीरा है. मुख्यमंत्री लोहिया का सम्मान करते हैं. उन्होंने उनका उल्लेख भी कई बार किया है.
सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अखबारों में प्रकाशित खबरों को लेकर सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं. इस पर उत्तेजित सपा सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों को वंशवाद की परिभाषा नहीं मालूम है. पूर्ववर्ती सपा सरकार में जातिवाद का नंगा नाच हुआ और एक जाति विशेष को बढ़ावा दिया गया. यहां तक बजट का भी बंटवारा हुआ. उनकी टिप्पणी से सपा सदस्य और उत्तेजित हो गये. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ह्नदय नारायण दीक्षित ने कई बार सदन को व्यवस्थित करने का असफल प्रयास किया और उसके बाद सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी जो बाद में तीन बार और स्थगित की गयी. अंत में हंगामे और नारेबाजी के बीच ही एजेंडे में दर्ज आज की कार्यवाही पूरी कर सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.