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भीख मांग कर अमीना ने बनाया शौचालय, समाज के लिए बनी मिसाल

सुपौल : समाज के हरेक व्यक्तियों के जीवन में कुछ ना कुछ सपना होता है. इस कड़ी में कुछ व्यक्तियों का सपना समाज की दिशा व दशा बदलने की प्रेरणा भी देता है. कुछ ऐसा ही मामला जिले के पिपरा प्रखंड की एक गरीब व लाचार महिला ने कर दिखाया है. समाज को आईना दिखाने […]

सुपौल : समाज के हरेक व्यक्तियों के जीवन में कुछ ना कुछ सपना होता है. इस कड़ी में कुछ व्यक्तियों का सपना समाज की दिशा व दशा बदलने की प्रेरणा भी देता है. कुछ ऐसा ही मामला जिले के पिपरा प्रखंड की एक गरीब व लाचार महिला ने कर दिखाया है. समाज को आईना दिखाने व परिवार के इज्जत को ढकने के लिए पिपरा प्रखंड की पथरा उत्तर पंचायत निवासी 50 वर्षीया अमीना खातून ने भिक्षाटन के जरिये शौचालय निर्माण करा कर मिसाल कायम की है.

एक तरफ भारत सरकार स्वच्छ भारत मिशन और बिहार सरकार के लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत जागरूकता फैलाकर शौचालय निर्माण व उपयोग के पश्चात जहां 12 हजार रुपया प्रोत्साहन राशि दे रही है. फिर भी आम-आवाम के द्वारा इस दिशा में शत-प्रतिशत दिलचस्पी नहीं दिखाने के कारण प्रशासन लक्ष्य हासिल करने में असफल साबित हो रही है. आर्थिक रूप से लाचार अमीना खातून का स्वास्थ्य के प्रति निष्ठा व लगन के साथ कराया गया यह कार्य समाज के अन्य लोगों के लिये अनुकरणीय बन गया है.

हौसले बुलंद हो तो राह हो जाता आसान

भीख मांग कर पेट पालने की कहानी की चर्चा से समाज के लोग अवगत रहे हैं. लेकिन, अपने परिवार के इज्जत और समाज को दिशा दिखाने के लिए भीख मांगकर शौचालय निर्माण कराने की चर्चा ने समाज के लोगों को झकझोर कर रख दिया है. अमीना के इस कारनामे से समाज के बुद्धिजीवियों के मुख से एक ही वाक्य बार-बार दोहराया जाता है कि हौसले बुलंद हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान हो जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण को लेकर जब अमीना भिक्षाटन कर रही थी, तब कई लोगों को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जिन्हें खुद का ठिकाना नहीं वे इस कार्य को किस कदर अंजाम दे पायेगी. लेकिन, भिक्षाटन के जरिये पाई- पाई जुटा कर अमीना ने जिस प्रकार से सरकार के अभियान को सफल बनाया है. वह अन्य लोगों के लिए मिसाल बन चुकी है.

बेसहारा अमीना की दास्तां

इस संबंध में जब अमीना खातून से बातचीत की गयी, तो वे कुछ कहने से पूर्व भावुक हो गयी. फिर उन्होंने बताया कि उनके पति चार वर्ष पूर्व ही गुजर गये. साथ ही गरीब व लाचार के ऊपर दो नाबालिग बच्चे का जीवन भी छोड़ गये. बताया कि गरीबी व तंगी की हालत में वे एक पुत्र इबरान व एक पुत्री शेरून का भी लालन पालन कर रही हैं. बताया कि वे सरकारी जमीन पर किसी तरह फूस व टट्टी के घर में बच्चों के साथ जीवन बसर कर रही हैं. बताया कि उनके मन में काफी समय पूर्व एक कार्य को अंजाम तक पहुंचाने का भाव जगी. इसके बाद बाबा बैद्यनाथ चौघारा ट्रस्ट के क्षेत्रीय समन्वयक व स्वच्छता उत्प्रेरक ओम प्रकाश यादव, अजय कुमार और उपमुखिया राजकुमार गिरी की जागरूकता मुहिम से वे जुड़ गयी. इस संकल्प ने उनके जीवन में भूचाल ला दिया. बताया कि बाबा बैद्यनाथ चौघारा के कार्य से प्रेरित होकर शौचालय निर्माण और समाज को इस भायाभाव स्थिति व संकटमय जीवन से उबारने का संकल्प तो ले लिया. लेकिन, आर्थिक स्थिति बेहद खराब रहने के कारण उनके मन में एक ही प्रश्न उबल रहा था कि समाज को इस कार्य के लिए प्रेरित करने से पूर्व खुद का शौचालय निर्माण करा कर दूसरों के लिए किस प्रकार अनुकरणीय बन सकें. इसके लिए उन्होंने भिक्षाटन कर शौचालय निर्माण कराने का संकल्प लिया, जहां उन्हें यह सफलता हासिल हुई. उन्होंने बताया कि बुलंद इरादा और हौसला के सामने कुछ भी संभव है.

जज्बे को मिला सम्मान

बुलंद इरादे के कारण अमीना खातून ने भीख मांग कर अपनी इज्जत ढंकने के लिए पक्की शौचालय का निर्माण कराया. इसका लगातार वे उपयोग कर रही हैं. इधर, अमीना के द्वारा शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद समाज के लोगों द्वारा इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी, जहां प्रशासन द्वारा आयोजित गौरव सभा में अमीना खातून को उपविकास आयुक्त डॉ नवल किशोर चौधरी के द्वारा माला पहनाकर सम्मान किया. सभा में उपस्थित लोगों ने अमीना खातून के जज्बे को सलामी दी. गौरव सभा में लोहिया यूथ ब्रिगेड प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सूर्य कुमार यादव के द्वारा अमीना खातून को प्रशस्ति पत्र, बुक्के व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया.

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