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रांची : रिम्स की नर्सें आधी रात से बेमियादी हड़ताल पर गयीं, भर्ती मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं, जानें क्या है मांग
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की मुश्किलें बढ़नेवाली हैं, क्योंकि, यहां की करीब 400 नर्सें रात 12 बजे से बेमियादी हड़ताल पर चली गयी हैं. नर्सों की हड़ताल से यहां भर्ती करीब 1427 मरीजों और उनके तीमारदारों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. नर्सों की यह हड़ताल एम्स की तर्ज पर वेतन-भत्ता […]
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की मुश्किलें बढ़नेवाली हैं, क्योंकि, यहां की करीब 400 नर्सें रात 12 बजे से बेमियादी हड़ताल पर चली गयी हैं. नर्सों की हड़ताल से यहां भर्ती करीब 1427 मरीजों और उनके तीमारदारों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. नर्सों की यह हड़ताल एम्स की तर्ज पर वेतन-भत्ता बढ़ाने और रिटायरमेंट की उम्र सीमा डॉक्टरों के बराबर करने समेत आठ सूत्री मांगों को लेकर हो रही है. हालांकि, रिम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य सचिव ने अपने-अपने स्तर पर नर्सों से कई दौर की वार्ता भी की, लेकिन नर्सें नहीं मानीं.
रांची : जूनियर नर्स एसोसिएशन के बैनर तले रिम्स की नर्सों का आंदोलन पिछले महीने से ही चल रहा है. अपनी मांगों को लेकर नर्सें 31 जनवरी की आधी रात से ही हड़ताल पर जानेवाली थीं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के आश्वासन पर हड़ताल स्थगित कर दी थी.
इधर, आठ फरवरी को हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक के बाद रिम्स की नर्सों ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को घेरकर उनसे अपनी मांगों पर लिखित आश्वासन मांगा, लेकिन मंत्री ने मौखिक आश्वासन दिया. इसके बाद नर्सों ने 11 फरवरी की आधी रात से बेमियादी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी. इससे पहले नर्सों ने काला बिल्ला लगाकर और पेन डाउन हड़ताल कर मंशा जाहिर कर दी थी. इस बीच अस्पताल प्रबंधन ने नर्सों को लिखित आश्वासन देकर वार्ता के लिए बुलाया. इसके बावजूद नर्सें अड़ रहीं.
नर्सिंग स्टूडेंट और रिटायर नर्सों के भरोसे रिम्स के मरीज : नर्सों के हड़ताल पर जाने की पुष्टि होते ही रिम्स प्रबंधन ने भी अपने स्तर से मरीजों की देखभाल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी.
जब तक हड़ताल चलेगी, तब तक रिम्स की नर्सिंग स्टूडेंट, अनुबंध पर रखी गयीं रिटायर नर्स और आउटसोर्सिंग पर नियुक्त नर्सें मरीजों की देखभाल करेंगी. प्रबंधन का दावा है कि उनके पास 150 से ज्यादा नर्सिंग स्टूडेंट हैं. इसके अलावा 32 आउटसोर्सिंग पर नियुक्त नर्सें और 8 रिटायर नर्सें हैं. हड़ताल से मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी. इधर, जिला प्रशासन ने हड़ताल के मद्देनजर रिम्स परिसर में मजिस्ट्रेट के रूप में बड़गाईं के अंचल अधिकारी विनोद प्रजापति को नियुक्त कर दिया है.
इसके अलावा चंदा रानी और सुधांशु पाठक को भी नियुक्त किया गया है. वहीं, बरियातू थाना को भी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी है. सभी की ड्यूटी रविवार रात 10:00 बजे से लगा दी गयी है. उधर, रिम्स के डिप्टी डायरेक्टर गिरिजाशंकर प्रसाद ने कहा है कि अगर आंदोलनरत नर्सों ने ड्यूटी पर तैनात किसी नर्स को काम से हटाने का प्रयास किया, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
स्वास्थ्य सचिव ने की बैठक, लेकिन नहीं मानीं नर्सें : रिम्स की नर्सों की हड़ताल को स्थगित करने के लिए अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग सुधीर त्रिपाठी रविवार को रिम्स पहुंचे.
उन्होंने आंदोलनरत सीनियर नर्सों के साथ बैठक की. उन्हें समझाने का प्रयास किया कि हड़ताल का समर्थन न करें, लेकिन नर्से नहीं मानी. इधर, रविवार दोपहर जूनियर नर्स एसोसिएशन की बैठक अस्पताल के डेंगू वार्ड में हुई. अध्यक्षता एसोसिएशन की अध्यक्ष रामरेखा और सचिव आइवी रानी खलखो ने की. इसमें रामरेखा ने कहा कि डॉक्टरों की मांग को सरकार और रिम्स प्रबंधन तुरंत मान लेती है. हमने एक माह पहले ही अपनी मांगों से अवगत कराया था, लेिकन हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि हड़ताल में इमरजेंसी, ट्राॅमा सेंटर, लेबर रूम और नियोनेट वार्ड की सेवाएं बाधित नहीं की जायेंगी.
सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची रिम्स की नर्सें : रिम्स प्रबंधन व सरकार के अाग्रह पर सिविल सर्जन ने एएनएम नर्स को अपने कार्यालय बुलाया. उन्होंने निर्देश दिया की शाम से आपलाेगों की ड्यूटी रिम्स में हैं, क्योंकि वहां की नर्स हड़ताल पर जा रही हैं. इसकी सूचना मिलते ही रिम्स की नर्स सिविल सर्जन कार्यालय पहुंच गयीं. वहां हंगामा भी हुआ. नर्सों ने सिविल सर्जन को रिम्स के आश्वासन की कॉपी दिखायी. इसके बाद सदर अस्पताल की एएनएम नर्सों ने कहा कि वे रिम्स की नर्सों की हड़ताल का समर्थन करेंगी और वे रिम्स नहीं जायेंगी.
और छुट्टी पर चले गये प्रभारी निदेशक : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में सभी नर्सें हड़ताल पर चली गयी हैं. यह जानकारी होने के बावजूद अस्पताल के प्रभारी निदेशक डॉ अारके श्रीवास्तव शनिवार से छुट्टी पर चले गये हैं. उन्होंने अपना प्रभार डॉ मंजू गाड़ी को दिया है.
जूनियर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा : नर्सिंग स्टूडेंट को नहीं करने देंगे काम
रिम्स के डिप्टी डायरेक्टर बोले : स्टूडेंट को काम नहीं करने दिया, तो होगी एफआइआर
एसोसिएशन की अध्यक्ष ने कहा : डॉक्टर की मांगें तुरंत होती है पूरी, तो हमारी क्यों नहीं
रिम्स प्रबंधन ने मरीजों की देखभाल के लिए अपने स्तर से की नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था
बरियातू थाना को दिया गया है रिम्स की सुरक्षा का जिम्मा, मजिस्ट्रेट भी तैनात किये गये
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