जोहानिसबर्ग : डकवर्थ लुईस नियम में दक्षिण अफ्रीका ने भारत पर चौथे वनडे में जीत दर्ज कर सीरीज में अपने को बचा लिया है. छह मैचों की शृंखला में लगातार तीन मैच जीतकर भारत सीरीज पर अपनी दावेदारी पेश कर चुका है. वहीं चौथे वनडे में जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका ने भी सीरीज में वापसी का रास्ता बनाने का प्रयास किया है.
हार के बाद सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा कि बारिश के कारण दो बार हुई बाधा अैर डेविड मिलर को जीवनदान देना भारत को भारी पड़ा, जिससे दक्षिण अफ्रीका ने उनकी वनडे में शानदार लय तोड़कर चौथे वनडे में पांच विकेट से जीत दर्ज की. मेजबानों की इस जीत से सीरीज अब भी जीवंत बनी हुई है जिसमें भारत 3-1 से आगे चल रहा है.
मिलर को दो बार जीवनदान मिले. एक बार डीप में उनका कैच छूटा तो दूसरी बार युजवेंद्र चहल की ‘नो बॉल’ गेंद पर वह बोल्ड हुए. वह उस समय क्रमश: छह और सात रन पर थे. उन्होंने इन जीवनदान का फायदा उठाते हुए महज 28 गेंद में 39 रन बनाये. धवन ने बीती रात मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मुख्य कारण निश्चित रूप से कैच छोड़ना और फिर ‘नो बॉल’ के कारण एक विकेट नहीं मिलना रहा. इसके बाद से लय बदल गयी. वर्ना हम बहुत अच्छी स्थिति में थे.’
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से बारिश का भी असर पड़ा. हमारे स्पिनर उस तरह से गेंद को टर्न नहीं कर सके जैसा उन्होंने पिछले तीन वनडे मैचों में किया था. इससे अंतर पैदा होता है क्योंकि गेंद गीली हो जाती है. यही कारण है.’ भारतीय पारी के दौरान बारिश से 53 मिनट का खेल खराब हुआ, टीम दो विकेट पर 200 रन बना चुकी थी. हालांकि तब तक कोई ओवर नहीं कटा, लेकिन भारत ने अपनी लय गंवा दी और टीम सात विकेट पर 289 रन ही बना सकी.
बाद में बारिश से एक और बाधा पड़ी जिससे 113 मिनट का खेल खराब हुआ. इससे दक्षिण अफ्रीका को डवकर्थ लुईस पद्धति से 28 ओवर में 202 रन का संशोधित लक्ष्य दिया गया. धवन ने कल अपने 100वें वनडे में शतक जड़ा था. उन्होंने कहा, ‘हमने पहले बल्लेबाजी का फैसला इसलिये किया क्योंकि शाम में गेंद यहां मूव कर रही है. यहां हवा का भी असर पड़ता है और इससे प्रभाव पड़ता है.’
धवन ने कहा कि मिलर ने जीवनदान का भरपूर फायदा उठाया और खेल का रुख ही बदल दिया. उन्होंने कहा, ‘मिलर बहुत बढ़िया खेला. भाग्य उसके साथ था. पहले उसका कैच छूटा और फिर वह नो बॉल पर बोल्ड हुआ. आमतौर पर स्पिनर नो बॉल नहीं फेंकते. उसने इन जीवनदान का पूरा फायदा उठाया और खेल का रुख ही बदल दिया.’