पटना : बुनकरों का अब जिला स्तर पर पहचान पत्र बनेगा. उद्योग विभाग ने सभी बुनकरों के पहचान पत्र बनाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत बुनकर बहुल जिलों की पहचान की गयी है. विभाग ने उन जिलों के जिला उद्योग पदाधिकारी सह महाप्रबंधक को पहचान पत्र बनाने में सहयोग करने का […]
पटना : बुनकरों का अब जिला स्तर पर पहचान पत्र बनेगा. उद्योग विभाग ने सभी बुनकरों के पहचान पत्र बनाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत बुनकर बहुल जिलों की पहचान की गयी है. विभाग ने उन जिलों के जिला उद्योग पदाधिकारी सह महाप्रबंधक को पहचान पत्र बनाने में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
यह पहचान पत्र ऑनलाइन डाटा वैलिडेशन पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा. इससे राज्यभर के बुनकरों के बारे में एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल सकेगी. उद्योग विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राज्य के 20 जिलों में बुनकरों का पहचानपत्र बनाने की कवायद शुरू की गयी है. हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय के उप उद्योग निदेशक ने 20 जिलों के उद्योग केंद्र के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया है कि उनके स्तर से यह सुनिश्चित किया जाये कि फोटो वाले पहचान पत्र सही बुनकर को ही उपलब्ध कराये जायें.
उन्होंने भागलपुर, गया, पश्चिम चंपारण, कटिहार, मुजफ्फरपुर, बांका, खगड़िया, सीवान, मधुबनी, पटना, सासाराम, नवादा, नालंदा, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद, अरवल, सीतामढ़ी और औरंगाबाद में फोटो वाले बुनकर पहचान पत्र बनाने का निर्देश दिया है.
क्या होगा फायदा
बुनकरों का फोटो वाला पहचान पत्र ऑनलाइन डाटा वैलिडेशन पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा. इससे राज्यभर के बुनकरों के बारे में एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल सकेगी. राज्य में करीब 55 हजार बुनकर हैं. पहचान पत्र बनाने की जरूरत मूल लाभार्थी को अनुदान का लाभ दिलाने, बुनकर कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन आदि में लंबे समय से महसूस की जा रही थी. कई बार बिना पहचान पत्र के अनुदानों के भुगतान में दिक्कत आ रही थी. बिना पहचान पत्र के अलग-अलग नामों से बुनकर कल्याण योजनाओं का लाभ उठा लेते थे.
अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण : सूत्रों के अनुसार मेसर्स कार्वे मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड (केडीएमएसएल) द्वारा की गयी चतुर्थ राष्ट्रीय हस्तकरघा सर्वेक्षण के आधार पर तैयार आंकड़े ऑनलाइन डाटा वेलिडेशन पोर्टल पर उपलब्ध हैं. उन्हीं के आधार पर प्रखंड स्तर पर फोटो वाले पहचान पत्र तैयार किया जाना है. पहचान पत्र बनाने और उसे पोर्टल को व्यवहार में कैसे लाया जाये, इसका प्रशिक्षण अधिकारियों को दिया जायेगा.