पटना : राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की न्याय यात्रा के साथ राजनीति भी शुरू हो गयी है. जहां, तेजस्वी यादव इस यात्रा के जरिये लोगों के बीच जनादेश की हत्या और महागठबंधन टूटने की वजह बताने के लिए निकले हैं, वहीं विपक्ष का कहना है कि वह संविधान रक्षा न्याय यात्रा की जगह संपत्ति बचाओ यात्रा करते, तो ज्यादा बेहतर होता. तेजस्वी की यात्रा को लेकर जदयू जहां हमलावर है, वहीं भाजपा नेता भी यात्रा को लेकर तेजस्वी पर निशाना साध रहे हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि तेजस्वी अपने पिता की जेल यात्रा को भुनाने का असफल प्रयास कर रहे हैं. इसलिए संविधान की आड़ में पापा को मुखौटा बना बिहार की जनता से सहानुभूति बटोरने निकले हैं, लेकिन पंद्रह सालों तक धोखा खा चुकी जनता अब राजद के उत्तराधिकारी के बहकावे में नहीं आने वाली है.
मंगल पांडेय ने यह भी कहा कि कहा कि जनता के बीच जिस संविधान बचाने की दुहाई दी जा रही है, उनके मम्मी–पापा पहले ही उसे तार–तार कर चुके हैं. इसका परिणाम है कि पापा जेल में हैं और मम्मी सहित पूरे परिवार पर जांच एजेंसियों की तलवार लटक रही है. रही सही कसर उनकी दीदी मीसा पर ईडी के सम्मन ने पूरी कर दी. वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह टाइगर ने कहा है तेजस्वी यादव की संविधान न्याय यात्रा परिवार बचाओ यात्रा है. जनता उनसे पूछेगी कि मात्र 29 वर्ष की आयु में आपने करोड़ों–अरबों रुपये की संपत्ति कैसे अर्जित की .
संजय टाइगर नेमीडियासे बातचीत में कहा कि गिरिराज सिंह को तो छलपूर्वक फंसाने की साजिश है, जिसका पर्दाफाश आने वाले दिनों में हो जायेगा लेकिन लालू प्रसाद तो तीन मामले में सजायाफ्ता है . राजद उन्हें अपनी पार्टी से कब निकाल–बाहर करेगी . इसलिए तेजस्वी को अपने से बड़े नेता पर किसी प्रकार का कमेंट करने के पूर्व अपने गिरेबां में झांक कर देख लेना चाहिए . शीशे के महल में रहने वालों को दूसरे के घर पत्थर नहीं मारना चाहिए .
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