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राज्य सरकार ने निगम के 150 करोड़ रुपये रोक लिये
उपयोगिता प्रमाणपत्र का पेच पटना : पटना निगम क्षेत्र की विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए हर वर्ष राज्य व केंद्र सरकारों से निगम को करोड़ों रुपये अनुदान मिलता है. अनुदान राशि खर्च करने के बाद निगमप्रशासन को उपयोगिता प्रमाणपत्र नगर आवास विकास विभाग को सौंपना होगा, लेकिन निगम प्रशासन ने उसे आधा-अधूरा उपयोगिता […]
उपयोगिता प्रमाणपत्र का पेच
पटना : पटना निगम क्षेत्र की विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए हर वर्ष राज्य व केंद्र सरकारों से निगम को करोड़ों रुपये अनुदान मिलता है. अनुदान राशि खर्च करने के बाद निगमप्रशासन को उपयोगिता प्रमाणपत्र नगर आवास विकास विभाग को सौंपना होगा, लेकिन निगम प्रशासन ने उसे आधा-अधूरा उपयोगिता प्रमाणपत्र ही सौंपा है. इससे नाराज विभाग ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में मिलने वाली 150 करोड़ से अधिक राशि रोक दी है.
विभाग ने कहा कि शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा, तब तक राशि का आवंटन नहीं किया जायेगा. अनुदान की राशि रुकने के बाद निगम मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी उपयोगिता प्रमाणपत्र बनाने में जुटे हैं, ताकि अनुदान की राशि वापस होने के बदले मिल जाये.
वर्ष 2012 से आधा-अधूरा सौंपा जा रहा प्रमाणपत्र : निगम को सरकार से अनुदान राशि मिली, तो पैसा कहां-कहां और कितना खर्च हुआ, इसका विवरण उपयोगिता प्रमाणपत्र के रूप में विभाग को सौंपना होता है. लेकिन, निगम प्रशासन की अनदेखी की वजह से वर्ष 2012 से लगातार आधा-अधूरा उपयोगिता प्रमाणपत्र सौंपा जा रहा है.
स्थिति यह है कि करीब 200 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं सौंपा गया है. विभाग ने आवंटन रोक दिया, तो नगर आयुक्त ने पिछले दिनों अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें करीब 70-80 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र को दुरुस्त किया गया और शेष राशि का भी उपयोगिता प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है.
रुकी है विकास मद की राशि : वित्तीय वर्ष 2017-18 में निगम को राज्य सरकार से पांचवें वित्त राज्य आयोग से 65 करोड़, केंद्र सरकार के 14वें वित्त आयोग से 28 करोड़, पेशा कर से 5.63 करोड़, मुख्यमंत्री सात निश्चय से 23 करोड़ सहित कई मदों से निगम को पैसा मिलना था, जो वित्तीय वर्ष खत्म होने के आखिरी माह तक नहीं मिल सका है. इससे निगम क्षेत्र की विकास योजनाएं जैसे सड़कें, पक्की नाली-गली और हर घर जल योजना रुकी हुई हैं.
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