पटना : महाशिवरात्री 13 फरवरी या 14 फरवरी को इसे लेकर बहस जारी है. लोगों में इस बात को लेकर सस्पेंस बरकरार है कि आखिर किस दिन को शिवरात्रि मनायी जाये और भगवानशिव कीआराधनाकीजाये.इसे लेकर बिहार-झारखंड के प्रसिद्ध ज्योतिष डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि शिव भक्तों का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि माना जाता है. इस त्योहार का भक्त गण पूरे साल इंतजार करते हैं और महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही शिव मंदिरों में जुटने लगते हैं.
उन्होंने कहा कि शिवभक्तों के लिए इस साल बड़ी उलझन की स्थिति बनी हुई है कि महाशिवरात्रि का त्योहार किस दिन मनाया जायेगा. लेकिन ऐसी उलझन में रहने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आप दोनों में से किसी भी दिन कर सकते हैं शिवरात्रि का व्रत. डॉ श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि 13 फरवरी मंगलवार को रात्रि 10: 22 बजकर मिनट के बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी, जो 14 फरवरी बुधवार की रात 12: 17 बजे तक रहेगी.
धर्म शास्त्रों में प्रदोष एवं अर्ध रात्रि में व्याप्त चतुर्दशी को ज्यादा महत्व दिया गया है. कुल मिलाकर देखा जाये तो इस वर्ष ऐसी परिस्थिति बन रही है कि महाशिवरात्रि का व्रत पर्व 13 एवं 14 फ़रवरी दोनों दिन किया जा सकता है, दोनों ही दिनों के पक्ष में पर्याप्त धर्मशास्त्रीय प्रमाण उपलब्ध हैं. 13 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले 14 फरवरी को प्रातः पारण करेंगे एवं 14 फरवरी को व्रत रखने वाले आज ही सायं काल चतुर्दशी तिथि में पारण कर लें.
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